रूस के खिलाफ चार देश मिलकर बनाएंगे संयुक्त एयर डिफेंस
चार नॉर्डिक देशों ने रूस से बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए ज्वाइंट एयर डिफेंस बनाने का ऐलान किया है। स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क के एयरफोर्स के कमांडरों ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में एक सहयोग पत्र पर भी हस्ताक्षर किए हैं। ये चारों देश रूस के काफी करीब स्थित हैं और रूस के साथ इनकी पुरानी दुश्मनी है। चार देशों के सशस्त्र बलों ने बयान जारी कर कहा है कि नाटो के तहत संचालन के पहले से ज्ञात तरीकों के आधार पर वे संयुक्त रूप से काम करने का इरादा रखते हैं। इसमें चारों देशों के आसमान की निगरानी और जरूरत पड़ने पर संयुक्त सैन्य कार्रवाई भी शामिल होगी।
डेनिश वायु सेना के कमांडर मेजर जनरल जान डैम ने बताया कि वायु सेना को एकीकृत करने का कदम पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि हमारे संयुक्त बेड़े की तुलना एक बड़े यूरोपीय देश से की जा सकती है। नॉर्वे के पास 57 एफ-16 फाइटर जेट और 37 एफ-35 फाइटर जेट हैं, जिनमें से 15 और के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। फिनलैंड के पास 62 एफ/ए-18 हॉर्नेट जेट और 64 एफ-35 का ऑर्डर है, जबकि डेनमार्क के पास 58 एफ-16 और 27 एफ-35 का ऑर्डर है। स्वीडन के पास 90 से ज्यादा ग्रिपेन जेट हैं। यह स्पष्ट नहीं था कि इनमें से कितने विमान परिचालन में थे।
अमेरिकी जनरल की मौजूदगी में किया हस्ताक्षर
पिछले हफ्ते जर्मनी में रामस्टीन एयर बेस पर हुए हस्ताक्षर में नाटो एयर कमांड के प्रमुख जनरल जेम्स हेकर भी मौजूद थे। जनरल हेकर नॉर्डिक क्षेत्र में अमेरिकी वायु सेना के प्रमुख हैं और सैन्य अभियानों की देखरेख करते हैं। स्वीडन और फिनलैंड ने पिछले साल ट्रान्साटलांटिक सैन्य गठबंधन (NATO) में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। लेकिन इस प्रक्रिया को तुर्की ने रोक रखा है। नॉर्डिक वायु सेना के कमांडरों ने पहली बार नवंबर में स्वीडन में एक बैठक के दौरान ज्वाइं एयर डिफेंस बनाने को लेकर चर्चा की थी।