दिल्ली में आज से G-20 सम्मेलन का आगाज, पीएम मोदी ने दिया उद्घाटन भाषण
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरूआत हो गई, इस दौरान पीएम मोदी ने मोरक्को में आए भूकंप पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “कार्रवाई शुरू करने से पहले हम सभी की ओर से मोरक्को में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहता हूं.” पीएम मोदी ने कहा कि, हम प्रार्थना करते हैं कि सभी घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों, इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है और हम उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं.
जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में पीएम मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 के स्थाई सदस्य के रूप में आमंत्रित किया. उन्होंने कहा, “आप सबकी सहमति से आगे की कार्रवाई शुरू करने से पहले मैं जी-20 के स्थाई सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं.”
जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि, “आज, जी 20 के अध्यक्ष के रूप में, भारत दुनिया से वैश्विक विश्वास की कमी को विश्वास और निर्भरता में बदलने का आह्वान करता है. उन्होंने कहा कि, “यह हम सभी के लिए एक साथ आगे बढ़ने का समय है. इस बार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र हमारे लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है. चाहे वह उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन हो, पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी हो, भोजन और ईंधन का प्रबंधन हो, आतंकवाद हो, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा या जल सुरक्षा, हमें भावी पीढ़ियों के लिए इसका ठोस समाधान ढूंढना होगा.”
जी-20 शिखर सम्मेलन के आगार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “21वीं सदी दुनिया को नई दिशा दिखाने का महत्वपूर्ण समय है. यही वह समय है जब पुरानी समस्याएं हमसे नए समाधान मांग रही हैं और इसीलिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए आगे बढ़ना चाहिए.” उन्होंने कहा कि, “एक मानव-केंद्रित दृष्टिकोण…यदि हम कोविड-19 को हरा सकते हैं, तो हम युद्ध के कारण उत्पन्न विश्वास की कमी पर भी विजय पा सकते हैं.”
इस दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “भारत की जी20 की अध्यक्षता देश के अंदर और बाहर दोनों जगह समावेशन, ‘सबका साथ’ का प्रतीक बन गई है. यह भारत में लोगों का जी20 बन गया है. करोड़ों भारतीय इससे जुड़े हुए हैं. 60 से अधिक शहरों में देश की 200 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं. ‘सबका साथ’ की भावना के साथ भारत ने प्रस्ताव दिया था कि अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता दी जाए. मेरा मानना है कि हम सभी इस प्रस्ताव से सहमत हैं.”