Hathras Incident: कौन हैं ‘भोले बाबा’,हाथरस में जिनके सत्संग में मची भगदड़ और 107 से ज्यादा लोगों की हुई मौत?
Hathras Incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस के एटा में नारायण साकार हरि के सत्संग में तब भगदड़ मच गई, जब लोग सत्संग सुनने आए थे और सत्संग में भगदड़ मच गई। इस हादसे में अबतक 107 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। मृतकों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक हाथरस के फुलरई गांव में नारायण साकार हरि का आश्रम है, जहां सत्संग आयोजित किया गया था। सत्संग वाली जगह छोटी थी और भीड़ बहुत ज्यादा थी और भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई।
‘Bhole Baba’ in Hathras: कौन हैं भोले बाबा, अपने को बताते हैं IB का पूर्व कर्मचारी
कासगंज जिले के पटियाली के एक छोटे से घर से सत्संग की शुरुआत करने वाले भोले बाबा का प्रभाव अब पश्चिमी यूपी में पूरी तरह होकर इससे सटे राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में भी हो चुका है.
स्वयंभू संत भोले बाबा कभी पुलिस की नौकरी करते थे. अब वह खुद को परमात्मा का चौकीदार बताते हैं. हालांकि उनके असंख्य भक्तों का ये मानना है कि भोले बाबा भगवान का अवतार हैं.
स्वयंभू संत साकार विश्व हरि 26 साल पहले पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात थे. अचानक से वीआरएस लेकर पटियाली के गांव बहादुरनगरी में अपनी झोपड़ी से ही सत्संग की शुरुआत की. एक बातचीत के दौरान भोले बाबा ने दावा किया था कि उनका कोई गुरु नहीं है, पुलिस के साथ 18 साल काम के बाद अचानक ऐच्छिक रिटायरमेंट ले लिया.
परमात्मा से उनका साक्षात्कार हो गया और अध्यात्म से लगाव होते ही सत्संग शुरू कर दिया. स्वयंभू संत ने इसकी शुरुआत गांव की झोपड़ी से ही की थी. धीरे-धीरे लोग बातों में आने ले और साकार विश्व हरि का प्रभाव बढ़ता रहा. अब साकार विश्व हरि के दरबार कई बीघा जमीन पर लगते हैं.
Hathras Incident: सोशल मीडिया से दूरी
भोले बाबा ने आसाराम बापू प्रकरण के बाद मीडिया से दूरी बना ली थी, भोले बाबा ने उस वक्त समागम में अपने अनुयायियों को भी फोटो खींचने से रोक दिया था. इसके अलावा अपनी सुरक्षा में तैनात महिला कमांडो भी हटा दिए थे. सन् 2014 में एक समागम में भोले बाबा ने आसाराम का जिक्र भी किया था. उन्होंने कहा था कि मीडिया से आसाराम को बदनाम किया है. उनके सत्संग पर भी अंगुली उठाई जा सकती है.
Hathras Incident: एक खास ड्रेस में देते हैं प्रवचन
अपने सत्संग में भोले बाबा सफेद ड्रेस में प्रवचन देते हैं, मंच पर उनके साथ उनकी पत्नी भी बैठती हैं, जिन्हें देवी लक्ष्मी कहा जाता है.स्वयं भू संत साकार विश्व हरि का सत्संग जहां भी हो, उसके 500 मीटर दूर से ही चौराहों और सड़कों पर गुलाबी ड्रेस में उनके सेवादार व्यवस्था संभालते हैं.
इसके अलावा संबंधित शहर के सभी चौराहों पर कई किमी दूर से ही उनके सेवादार नजर आने लगते हैं, जो ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में मदद करने के साथ-साथ समागम में आने वाले अनुयायियों को योजना स्थल के बारे में जानकारी दी जाती है. रास्ते में भर ड्रमों में पानी की व्यवस्था की जाती है.
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Hathras Incident: प्रसाद में बांटा जाता है पानी
भोले बाबा के सत्संग में जो भी जाता है, उसे वहां उन्हें प्रसाद के तौर पर पानी पिलाया जाता है. बाबा के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. तमाम लोग इसे भरकर भी ले जाते हैं. बाबा का पटियाली तहसील के बहादुर नगरी गांव में स्थित आश्रम में भी दरबार लगता है. यहां आश्रम के बाहर एक हैंडपंप भी है, दरबार के दौरान इस हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लाइन लगती है.