हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर जानबूझकर एक हानिकारक रिपोर्ट जारी की – अडानी
New Delhi: अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर जानबूझकर एक हानिकारक रिपोर्ट जारी की थी. इसका साफ तौर पर उद्देश्य समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और अडानी के शेयरों में गिरावट के माध्यम से मुनाफा कमाना था. अडानी एंटरप्राइजेज की सालाना रिपोर्ट में गौतम अडानी ने ये भी कहा कि समूह अपने गवर्नेंस और डिस्क्लोजर स्टैंडर्ड्स को लेकर पूरी तरह भरोसेमंद है. वहीं अडानी समूह की ओर से एक डिस्क्लोजर जारी किया गया है जिसके तहत हिंडनबर्ग रिसर्च के गलत उद्देश्य को पूरी तरह सामने लाने की कोशिश की गई है.
डिस्क्लोजर में दी गई जानकारी के अलावा गौतम अडानी ने अपने शेयरधारकों को अपने संदेश में कहा कि “हमारे गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, अमेरिका स्थित एक शॉर्टसेलर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जब हम भारत के इतिहास में सबसे बड़ी फॉलो-ऑन सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) लॉन्च करने की योजना बना रहे थे. यह रिपोर्ट टार्गेटेड गलत सूचना और पुराने, बदनाम आरोपों का एक संयोजन थी, जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे स्टॉक की कीमतों में जानबूझकर गिरावट के माध्यम से मुनाफा कमाना था.”
गौतम अडानी ने ये भी कहा कि उन्होंने एफपीओ को वापस लाने का फैसला लिया और निवेशकों के पूंजी लौटाने का निर्णय लिया जिससे उनके हितों को सुरक्षित रखा जा सके. साथ ही डिस्क्लोजर में साफ किया गया है कि अडानी पोर्टफोलियो कंपनियों और उसके सभी कारोबारों ने नियमों के अनुसार काम किया है और उन सभी कानूनी दायरों में रहकर नियमों का पालन किया है जिसके अंतर्गत हम आते हैं.
डिस्कलोजर में ये भी कहा गया है कि भारत की सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही अडानी समूह द्वारा दी गई रिपोर्ट्स को देख लिया है और माना है कि अडानी समूह ने अपने कर्ज कम करने, निवेश बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए हैं जो निवेशकों के हित में रहे हैं. इससे भी निवेशकों की संख्या में इजाफा हुआ है. जहां तक सेबी की जांच का सवाल है- कोर्ट ने सेबी को समय दिया है और हमें भरोसा है कि ये निष्पक्ष तरीके से होगी क्योंकि अडानी समूह इसके लिए सभी प्रकार से सहयोग कर रहा है. हम यही देखना चाहते हैं कि समय से जांच पूरी हो जाए निवेशकों के हित में सर्वश्रेष्ठ परिणाम निकलकर आए.
क्या है हिंडनबर्ग समूह की कहानी
अडानी समूह के लिए 24 जनवरी 2023 का दिन इस साल के सबसे बुरे दिनों में से एक रहा जब अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के एफपीओ के आने से ठीक पहले समूह के ऊपर रिपोर्ट प्रकाशित कर दी. इसके अगले ही दिन से अडानी समूह के शेयरों में जो जोरदार गिरावट का सिलसिला बना वो लंबे समय के बाद जाकर थमा. इस रिपोर्ट के चलते अडानी समूह के नेटवर्थ में लाखों करोड़ रुपये की गिरावट आई और जहां गौतम अडानी ने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स का तमगा गंवा दिया, वहीं भारतीय रिटेल निवेशकों के रिटर्न निगेटिव में चले गए.