भारत न केवल अमेरिका का एक सहयोगी, बल्कि एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा-कर्ट कैंपबेल
वैश्विक स्तर पर भारत लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है. 2023 में भारत जी-20 की अध्यक्षता भी संभाल रहा है जोकि कूटनीतिक लिहाज से काफी अहम है. अब व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी कर्ट कैंपबेल ने खुलकर तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि भारत न केवल अमेरिका का एक सहयोगी, बल्कि एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कई मौकों पर पश्चिमी देशों को एहसास दिलाया है कि भारत न तो आंखें झुकाकर बात करेगा न आंखें उठाकर. भारत आंख में आंख डालकर बात करेगा.उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध जितनी तेजी से मजबूत एवं गहरे हुए हैं, वैसा किसी भी अन्य द्विपक्षीय संबंध के साथ नहीं हुआ. ऐस्पन सिक्योरिटी फोरम की एक बैठक में भारत के संदर्भ में किए एक सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस के एशिया मामलों के समन्वयक कैंपबेल ने कहा कि उनका मानना है कि 21वीं सदी में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं.
व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी ने कहा, यह एक तथ्य है कि मैंने पिछले 20 साल में अमेरिका और भारत जैसे कोई द्विपक्षीय संबंध नहीं देखे जो इतनी तेजी से गहरे एवं मजबूत हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपनी क्षमता का और इस्तेमाल करने की जरूरत है और प्रौद्योगिकी व अन्य मुद्दों पर एक साथ काम करते हुए लोगों के बीच आपसी संपर्क कायम करने की आवश्यकता है.
कैंपबेल ने कहा, भारत केवल अमेरिका का एक सहयोगी नहीं होगा. वह एक स्वतंत्र, शक्तिशाली देश बनने की इच्छा रखता है और वह एक और बड़ी ताकत बनकर उभरेगा… कैंपबेल ने कहा, मेरा मानना है कि यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें कुछ महत्वाकांक्षा होनी चाहिए. हमें उन क्षेत्रों पर गौर करना चाहिए, जहां हम एक साथ काम कर सकते हैं, चाहे वह अंतरिक्ष हो, शिक्षा हो, जलवायु हो या प्रौद्योगिकी. हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.
उन्होंने कहा, अगर आप पिछले 20 वर्षों पर नजर डालेंगे और उन बाधाओं पर गौर करेंगे जिन्हें पार किया गया और हमारे दोनों पक्षों के बीच संबंधों की गहराई देखेंगे तो यह उल्लेखनीय है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-अमेरिका संबंध केवल चीन को लेकर चिंता के कारण नहीं बने हैं. कैंपबेल ने कहा, ये हमारे समाजों के बीच महत्वपूर्ण तालमेल पर आधारित हैं.