फ्रांस के साथ भारत का पुराना दोस्‍ताना, मोदी का राष्ट्रपति मैक्रों के साथ जयपुर में रोड शो

 

Jaipur News:फ्रांस के साथ भारत का पुराना दोस्‍ताना, मोदी का राष्ट्रपति मैक्रों के साथ जयपुर में रोड शो

Jaipur: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) इस बार गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट हैं. वह भारत के दो दिवसीय राजकीय दौरे पर गुरुवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. उन्होंने गुरुवार शाम को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जयपुर में रोड शो भी किया. मोदी ने अपने दोस्‍त को राम मंदिर का मॉडल भी भेंट किया. मैक्रों के साथ विशिष्ट फ्रांसीसी सेना की एक टुकड़ी आई है, जो गणतंत्र दिवस परेड के हिस्से के रूप में कर्तव्य पथ पर मार्च करेगी. यह ना सिर्फ दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के लिए मील का पत्थर है बल्कि 2018 के बाद से मैक्रों और मोदी के बीच पनपी दोस्ती का उदाहरण भी हैं.

इस दोस्ती की शुरुआत 2017 में हुई थी, जब मैक्रों फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए थे. वह फ्रांस के इतिहास के अब तक के सबसे युवा राष्ट्रपति हैं. इसके अगले साल ही 2018 में मैक्रों भारत आए थे. इस दौरान पीएम मोदी और मैक्रों ने मिलकर इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएस) शुरू किया था. इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना था. ये वो पल था, जहां से दोनों नेताओं की दोस्ती की नींव पड़ गई थी.

दोनों देशों और दोनों नेताओं की बढ़ती दोस्ती की एक बड़ी वजह डिफेंस सेक्टर भी है. राफेल विमानों को लेकर भारत और फ्रांस के बीच 2016 में एक अहम समझौता हुआ था जो दोनों के बीच विश्वास और सहयोग को दर्शाता है.

कैसे रहे हैं फ्रांस के साथ सम्बंध?

भारत और फ्रांस की दोस्ती पुरानी है. दोनों देशों की दोस्ती की नींव तब मजबूत हुई जब 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. यह वो समय था जब अमेरिका और पश्चिमी देशों ने भारत पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं, तब फ्रांस इकलौता मित्र देश था जिसने दोस्ती निभाते हुए भारत का समर्थन किया था. रक्षा के क्षेत्र के फ्रांस और भारत के सम्बंध पहले से मजबूत रहे हैं. दुनियाभर में भारत हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार रहा है और फ्रांस हथियार बेचने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश रहा है.

SIPRI के मुताबिक, 2018 से 2022 के बीच पिछले 4 साल में भारत ने फ्रांस से 30% हथियार खरीदे. दोनों देशों के बीच सालाना 97 हजार करोड़ रुपए का व्यापार हुआ.

पिछले साल जुलाई में  फ्रांस के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस ने लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया है. यह सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान है. पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. लीजन ऑफ ऑनर दुनिया भर के चुनिंदा प्रमुख नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों को दिया गया है .

UNSC में बदलाव
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में फ्रांस स्थाई सदस्य है। भारत लंबे समय से UNSC में बदलाव की मांग करता रहा है। भारत का मानना है कि UN के बनने के बाद से दुनिया काफी बदल चुकी है। ऐसे में दुनिया को चलाने वाली संस्था में भी बदलाव जरूरी है।

UN को चंद देशों के इशारे पर चलना बंद करना चाहिए। फ्रांस भी भारत की इन मांगों का समर्थन करता है। वहीं, दूसरी ओर UNSC में भारत स्थाई सदस्यता की मांग करता है। इसे लेकर फ्रांस ने भारत का ही पक्ष लिया है।

नई दिल्ली के बजाए जयपुर में रोड शो क्यों?

राजस्थान के जयपुर में सबसे ज्यादा फ्रांस के पर्यटक आते हैं. यहां के विदेशी पर्यटकों में फ्रांस के पर्यटकों की 13.7 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बाद ब्रिटेन के 2.86 फीसदी पर्यटक जयपुर आते हैं.

यह छठवीं बार होगा जब कोई फ्रांसीसी नेता भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री जैक्स शिराक ने 1976 और 1998 में दो बार समारोह का हिस्सा बनने के लिए भारत का दौरा किया था. उनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, निकोलस सरकोजी और वालेरी गिस्कार्ड डी’एस्टिंग ने 2016, 2008 और 1980 में समारोह में हिस्सा लिया था.

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427