इज़राइल को गाजा पर फिर से कब्ज़ा नहीं करना चाहिए-अमेरिका
इजरायल-हमास युद्ध को शुरू हुए एक महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है। अभी भी इजरायली सेना के गाजा में हमले जारी हैं।अब इजरायल ने जानकारी दी है कि उसकी सेना ‘गाजा शहर के केंद्र’ में पहुंच गई है। सेना इस इलाके में हमास के सुरंगों के जाल को ध्वस्त कर रही है।इस बीच अमेरिका ने भी इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा है कि गाजा पर कब्जा करना उसके लिए अच्छा नहीं होगा।
इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा, ‘सेना गाजा शहर के ‘दिलों’ में कार्रवाई कर रही है और हमास के चारों ओर शिकंजा कस रही है। गाजा में सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों का केवल एक ही लक्ष्य था- हमास और उनके बुनियादी ढांचे, कमांडर, बंकर और संचार कक्ष को नष्ट करना।’सेना ने भी एक बयान में कहा कि उन्होंने हमास के सुरंग जाल का पता लगाना और उसे निष्क्रिय करना शुरू कर दिया है।
इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि देश की इंजीनियरिंग कोर हमास के व्यापक सुरंग नेटवर्क को नष्ट करने के लिए विस्फोटक उपकरणों को तैनात कर रही है।रक्षा मंत्री गैलेंट ने हमास नेता याह्या सिनवार के बारे में बात करते हुए कहा, “वह अपने बंकर से अलग-थलग थे और उनकी सैन्य कमांड श्रृंखला कमजोर हो रही थी। स्कूलों-अस्पतालों के नीचे कई किलोमीटर लंबी सुरंगें हैं, जिनमें हथियार डिपो, संचार कक्ष और आतंकवादियों के लिए ठिकाने हैं।”
हमास ने भी दावा किया है कि उसके लड़ाकों ने इजरायली सेना को गाजा पट्टी में भारी नुकसान पहुंचाया है।अल जजीरा से बात करते हुए हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने इजरायल को नागरिकों की हत्या करने के अलावा जमीन पर किसी भी सैन्य उपलब्धि का सबूत पेश करने की चुनौती दी।हमास ने कहा कि उसने तेल अवीव की ओर मिसाइलें दागीं, जिसके कारण इजरायली शहरों में सायरन बजने लगे।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हवाले से कहा, “राष्ट्रपति अभी भी मानते हैं कि इजरायली बलों द्वारा गाजा पर दोबारा कब्जा करना अच्छा नहीं है। यह इजरायल और इजरायल के लोगों के लिए अच्छा नहीं है।”बाइडन का ये नेतन्याहू के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने अनिश्चितकाल के लिए गाजा पट्टी की सुरक्षा का जिम्मा लेने की बात कही थी।
टोक्यो में G-7 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी इजरायल-हमास युद्ध पर चर्चा होगी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा ने टोक्यो में हुई द्विपक्षीय बैठक में इस मुद्दे पर सहमति व्यक्त की है।अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ब्लिंकन ने कामिकावा से कहा कि इस संकट का सामना करने के लिए G-7 के साथ आने और एक आवाज में बोलने का यह बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है।