प्रधानमंत्री के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने की राहुल गांधी की आदत हो चुकी है-निर्मला सीतारमण
New Delhi: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण अडानी मामले पर जेपीसी की मांग को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस की लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा रही है। राहुल गांधी साफ तौर पर कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने मित्र गौतम अडानी को फायदा पहुंचाया है। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है। राहुल गांधी के आरोपों को निर्मला सीतारमण ने पूरी तरीके से बेबुनियाद बताया है और साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस नेता ऐसे आरोप लगाने के आदी हो चुके हैं। वित्र मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने 2019 के चुनावों से पहले ऐसा किया था। वह इसे फिर से कर रहा है। वह इन सभी झूठे आरोपों से कोई सबक नहीं सीखते हैं जो वह प्रधानमंत्री के खिलाफ लगाना चाहते हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर राहुल गांधी वास्तव में सोचते हैं कि अडाणी को ये सब चीजें (अनुचित लाभ) दी गई हैं, तो यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं यह भी कहना चाहती हूं कि उन्हें प्रधानमंत्री के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने की आदत हो चुकी है। सीतारमण ने कहा कि यह केरल की कांग्रेस सरकार थी, जिसने अडानी को विझिंजम पोर्ट थाली में परोस कर दिया था। यह किसी टेंडर के आधार पर नहीं दिया गया था। अब वह (कांग्रेस) सरकार नहीं है, बल्कि माकपा नीत सरकार है। लेकिन उन्हें यह पूछने और मांग करने से किसने रोका कि केरल उस आदेश को रद्द कर दे?’ सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान में अडाणी को ‘‘समूची सौर ऊर्जा परियोजना’’ दी गई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 2019 में राफेल के आरोपों में जब राहुल गांधी ने बयान दिए तब उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में माफी मांगनी पड़ी। उससे पहले RSS के खिलाफ जब गलत बयान देने पर लिखित माफीनामा देना पड़ा। आज आप (राहुल गांधी) बोलते हैं मैं गांधी हूं सावरकर नहीं। क्या उन्हें याद है कि उन्होंने माफी मांगी थी? उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं कि सभी को पास ले आए। ममता बनर्जी खुद अडानी का स्वागत करती हैं। आप हमसे सवाल करें हमें परवाह नहीं है। हमारे पास कुछ छुपाने के लिए नहीं है। राहुल गांधी से पूछा गया था कि भाजपा कह रही है कि आप न्यायपालिका पर दबाव बना रहे हैं? इसी पर उन्होंने पलटवार किया है। उन्होंने साफ तौर पर पूछा कि अडानी की सेल कंपनी में 20,000 करोड़ रुपए किसके हैं? इसका जवाब देना चाहिए कि यह पैसे किसके हैं।