Jammu-Kashmir status of a full state: कैसे किसी राज्य को मिलता है पूर्ण राज्य का दर्जा? जम्मू-कश्मीर में क्या होगा केंद्र का फैसला?
Jammu-Kashmir status of a full state: जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था। जिस प्रस्ताव पर उपराज्यपाल ने अपनी मंजूरी दे दी है।
इसमें कहा गया कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना एक प्रक्रिया की शुरुआत होगी, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त किया जा सकेगा और उनकी पहचान की रक्षा की जा सकेगी।
Jammu-Kashmir status of a full state: क्या होता है पूर्ण राज्य का दर्जा?
पूर्ण राज्य का दर्जा एक प्रशासनिक इकाई को दिया जाता है, जिसके पास अपनी स्वयं की विधानसभा, सरकार और संवैधानिक अधिकार होते हैं। केंद्र सरकार के अधीन रहते हुए भी राज्य को स्वायत्तता प्रदान किया जाता है। हालांकि पूर्ण राज्य का दर्जा किसी क्षेत्र को देने के लिए कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।
जैसे उस जगह पर भौगोलिक स्वरूप एकरूप होना चाहिए। साथ ही क्षेत्र का सामाजिक–आर्थिक विकास एक निश्चित स्तर पर होना चाहिए। इसके अलावा क्षेत्र की जनसंख्या पर्याप्त होनी चाहिए और क्षेत्र की वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए। इसके अलावा क्षेत्र के लोगों का पूर्ण राज्य बनने के पक्ष में होना आवश्यक है।
Jammu-Kashmir status of a full state: केंद्र ही लेगा फैसला
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने अहम फैसला लेते हुए धारा 370 और धारा 35ए को खत्म किया था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के जरिए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। इस तरह यह पूर्ण राज्य का दर्जा खोकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
यदि जम्मू–कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाना है तो इस कानून में संशोधन करना होगा और ये सब संसद में ही हो सकता है। इस तरह का प्रस्ताव पास होने के बाद उसे केंद्र के पास भेजा जाएगा। ये सबकुछ केंद्र पर निर्भर करता है कि वो जम्मू कश्मीर को अभी पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करती है या फिर नहीं।
अगर पूर्ण राज्य का दर्जा जम्मू कश्मीर को दे दिया गया तो कुछ बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक बदलाव तुरंत होंगे। मसलन, राज्य की विधानसभा को पब्लिक ऑर्डर यानी सार्वजनिक व्यवस्था और समवर्ती सूची के मामलों में कानून बनाने के अधिकार मिल जाएंगे। सरकार कोई वित्तीय बिल पेश करती है तो इसके लिए उसे उपराज्यपाल की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
Jammu-Kashmir status of a full state: उमर अब्दुला के लिए राह नहीं आसान
अगर पूर्ण राज्य का दर्जा जम्मू कश्मीर को दे दिया गया तो कुछ बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक बदलाव तुरंत होंगे। मसलन, राज्य की विधानसभा को पब्लिक ऑर्डर यानी सार्वजनिक व्यवस्था और समवर्ती सूची के मामलों में कानून बनाने के अधिकार मिल जाएंगे। सरकार कोई वित्तीय बिल पेश करती है तो इसके लिए उसे उपराज्यपाल की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
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जेल के कैदियों की रिहाई और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाकी चुनावी वादे पूरे करने वाली योजनाओं को पूरा करने में भी राज्य सरकार को ज्यादा अधिकार हासिल होंगे। जाहिर सी बात है, केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को स्टेटहुड यानी पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर अपना नियंत्रण तब तक नहीं खोना चाहेगी जब तक कि राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बन जाती।