Jet Airways को बचाने के लिए नरेश गोयल लेने जा रहे इतना बड़ा फैसला

नई दिल्ली: आखिरकार Jet Airways के प्रमुख नरेश गोयल को कंपनी को बचाने के लिए वह रास्ता चुनना पड़ा, जिसे वे नहीं चुनना चाहते थे. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से बाहर हो जाएंगे. न्यूज एजेंसी ने ET Now के हवाले यह बात कही है. कंपनी के CEO विनय दुबे अपने पद पर बने रह सकते हैं. बता दें, 25 साल पहले 1993 में नरेश गोयल ने पत्नी अनीता गोयल के साथ मिलकर जेट एयरवेज की शुरुआत की थी.

पिछले दिनों रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि निवेशक नहीं मिल पाने की वजह से नरेश गोयल ने चेयरमैन पद से हटने का फैसला लिया था. अगर वे चेयरमैन के पद से हटना चाहते हैं तो उन्हें अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम करनी होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि Jet Airways को कर्ज देने वाले नरेश गोयल की पूरी हिस्सेदारी समाप्त करने की कोशिश करेंगे और उनकी जगह नए खरीददार को ढूंढ़ सकते हैं.

Jet Airways पर 1 बिलियन डॉलर (करीब 7000 करोड़ रुपये) से ज्यादा का कर्ज है. 41 से ज्यादा विमान पट्टा नहीं दे पाने की वजह से ग्राउंड हो चुके हैं. कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है. बैंकों को किस्त नहीं जा रही है. कुल मिलाकर कंपनी की माली हालत बेहद नाजुक है. सहयोगी Etihad Airways निवेश करने के लिए तैयार है, लेकिन उसकी शर्त है कि कंपनी में उसका शेयर 25 फीसदी हो जाए. इसकी वजह से नरेश गोयल को चेयरमैन के पद से इस्तीफा भी देना होगा.

एतिहाद ने 2013 में पहला निवेश किया था
Etihad Airways ने 2013 में कंपनी में 600 मिलियन डॉलर (4200 करोड़ रुपये) का निवेश किया था, जिसके बाद कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 24 फीसदी की हो गई थी. उस समय भी कंपनी की माली हालत बिगड़ गई थी. इस बार माली हालत बिगड़ने पर नरेश गोयल ने Etihad Airways से और निवेश करने को कहा. कंपनी को बैंक से भी कर्ज नहीं मिल रहे हैं.

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