Kamika Ekadashi 2024: सावन की पहली एकादशी है कामिका एकादशी, योगनिद्रा में लीन भगवान विष्‍णु की ऐसे करें पूजा

Kamika Ekadashi 2024: सावन की पहली एकादशी है कामिका एकादशी, योगनिद्रा में लीन भगवान विष्‍णु की ऐसे करें पूजा

Kamika Ekadashi 2024: सावन महीने की कृष्णपक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में कामिका एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इस बार कामिका एकादशी व्रत 31 जुलाई 2024 को है.

सावन माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि की कई विशेषताएं होती हैं. कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता तुलसी की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु हर मनोकामना पूरी करते हैं.

मान्यताओं के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले जातक को जीवन में किए गए समस्त पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, साथ ही व्यक्ति के जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती है.

Kamika Ekadashi 2024:कामिका एकादशी की पूजा विधि

कामिका एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें. सबसे पहले पूजा के मंदिर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें. फिर पूजा की तैयारी शुरू करें.

एक चौकी में पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. भगवान को फल, फूल, तिल, दूध, पंचामृत और तुलसी आदि अर्पित करें. तुलसी जरूर चढ़ाएं, क्योंकि तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जाती जाती है.

Kamika Ekadashi 2024: इस शुभ योग में पड़ेगी कामिका एकादशी

इस साल की कामिका एकादशी सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रही है. पूरे दिन यह शुभ योग बना रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो भी कार्य करते हैं, उसके शुभ फल प्राप्त होते हैं. ऐसी धार्मि​क मान्यता है. उस दिन ध्रुव योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 02:14 तक है. व्रत वाले दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 10:12 तक है, उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र प्रारंभ है.

Kamika Ekadashi 2024: कामिका एकादशी का महत्व

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि जो व्यक्ति कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है. उसके सभी दुख और पाप मिट जाते हैं. उसे जीवन के अंत में मोक्ष मिलता है. जो व्यक्ति केवल कामिका एकादशी की व्रत कथा को सुनता है, उसे वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है.

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इस व्रत में विष्णु पूजा करने से उतना ही फल मिलता है, जितना काशी या पुष्कर में स्नान करने से मिलता है. जो इस व्रत को करता है, वह कुयोनि में नहीं जाता है. यदि आप इस व्रत की पूजा के समय विष्णु जी को तुलसी के पत्ते अर्पित करते हैं तो आपके सारे पाप मिट जाएंगे.

 

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