Kanwar Yatra 2024: कांवड़ रूट को लेकर अब CM योगी ने जारी किया फरमान, दुकानों पर लिखना ही होगा नाम
Kanwar Yatra 2024: सावन के महीने में कांवड़ यात्रा की जाती है. 22 जुलाई को शुरू हो रहे सावन के पहले सोमवार से ही कांवड़ यात्रा की शुरूआत हो जाएगी.उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों के लिए नया आदेश जारी किया है. निर्देश के अनुसार, पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगानी होगी. दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखना होगा. कांवड़ यात्रियों की आस्था का ध्यान रखते हुए ये फैसला किया गया है.
Kanwar Yatra 2024: क्यों लिया गया ये फैसला
देश के अलग अलग हिस्सों में छोटे व्यापारियों खासकर खाने पीने का सामान बेचने वाले दुकानदारों के बीच एक अलग ही ट्रेंड चल रहा है कई दुकान अपना धर्म छुपा कर और दूसरे धर्म के देवी देवताओं और नाम की आड़ लेकर धंधा करने लगे हैं. कोई अपनी दुकान का नाम हिंदू देवी देवताओं के नाम पर रख लेता है तो कोई तिलक लगाकर और भगवा गमछा पहनकर यात्रियों को गुमराह करता है. हिंदू देवी देवताओं के नाम पर दुकान का नाम रखकर यहाँ नॉन वेज परोसा जाता है.
इसको लेकर लंबे समय से विवाद भी चल रहा है. खासकर ऐसे दुकानदारों से उन लोगों को तब ज्यादा समस्या होती है जब वह अपने धार्मिक आयोजनों जैसे कावड़ यात्रा पर निकलते हैं. जिस दौरान भक्त अपने खान पान का विशेष ध्यान रखते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें खाना खाने के बाद पता चलता है कि जिन देवी देवताओं के नाम पर दुकान चल रही थी,वह दूसरे धर्म या संप्रदाय का था.
कावड़ यात्रा के दौरान ऐसे दुकानदारों के खिलाफ योगी सरकार ने फरमान जारी कर कहां है. कोई भी दुकानदार अपना धर्म और नाम छुपा कर व्यापार नहीं करेगा.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिला प्रशासन से इस बात का ध्यान रखने की बात कहते हुए कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड जरूर लगाएं. प्रशासन के इस निर्देश पर सियासी बवाल शुरू हो गया है.
उधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे मुजफ्फरनगर,मेरठ, बिजनौर आदि में कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाले बहुत से मुस्लिम दुकानदारों ने बोर्ड लगाने शुरू कर दिए हैं.
Kanwar Yatra 2024: विपक्ष का विरोध
एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश को स्पष्ट रूप से ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को “सामाजिक अपराध” करार दिया और अदालतों से मामले का स्वतः संज्ञान लेने को कहा.
कांग्रेस ने इसके पीछे बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर प्रहार किया है कि इनका काम हिंदू और मुसलमान की पहचान करना है. इसी बहाने ये यह भी पता करने की मंशा हो कि दलित कौन है?
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आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग अलग जिलों में जाते हैं हरिद्वार से हर साल 4 करोड़ कांवड़िए कांवड़ उठाते हैं. ढाई करोड़ से ज्यादा कांवड़िए मुजफ्फरनगर से होकर जाते हैं.
इसीलिए अब मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट वाला नियम पूरे प्रदेश में लागू होगा.