Kavach System: क्या है कवच सिस्टम? अगर यह सिस्टम काम करता तो जलपाईगुड़ी हादसा होने से बच जाता!
Kavach System: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में कंचनजंगा एक्सप्रेस आज ट्रेन हादसे का शिकार हो गई. सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को जोरदार टक्कर मार दी. इस हादसे में अब तक कम से कम 8 लोगों की मौत हुई है और 25 लोग घायल बताए जा रहे हैं. बचाव कार्य अब भी जारी है.
ट्रेन हादसे के बाद से ही चारों ओर भारतीय रेलवे के कवच सिस्टम को लेकर बातें हो रही है. कवच सिस्टम एक प्रणाली है जो रेल हादसों को रोकती है. लेकिन पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुए ट्रेन हादसे में कवच सिस्टम रोकने में नाकाम रहा.
Kavach System: क्या होता है कवच सिस्टम?
भारतीय रेलवे द्वारा रेल हादसों को रोकने के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम बनाया. जिसे कवच सिस्टम का नाम दिया गया. साल 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना बनाई गई हे.
कवच सुरक्षा सिस्टम इस तरह से तैयार किया गया है कि अगर एक लोको इंजन के सामने दूसरा लोको आ जाए तो 380 मीटर की दूरी से कवच इंजन को तुरंत रोक देता है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव इस सुरक्षा सिस्टम की टेस्टिंग के लिए खुद ट्रेन के इंजन में सवार हुए थे.
कवच सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सेट होता है. जो ट्रेन हादसों को रोकता है. इसमें ट्रेन, रेलवे ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम और हर स्टेशन पर एक किलोमीटर के डिस्टेंस पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइसेज इंस्टॉल की जाती है. सिस्टम में मौजूद सभी चीज अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए काम करती है.
Kavach System: कैसे काम करता है कवच?
ट्रेन में कोई ड्राइवर अगर किसी सिग्नल को तोड़कर आगे निकल जाता है. तो उसके बाद ऑटोमेटेकली कवच सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है. कवच सिस्टम एक्टिवेट होने के तुरंत बाद ही ट्रेन के पायलट को अलर्ट पहुंचा देता है. इसके बाद कवच सिस्टम खुद ही ट्रेन के ब्रेक्स पर कंट्रोल कर लेता है. इस दौरान अगर कवच सिस्टम को यह पता चल जाता है कि सामने के ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है.
तो वह खुद ब खुद ही पहली ट्रेन को रोक देता है. अगर आसान शब्दों में आपको समझाएं तो भारतीय रेलवे के किसी एक ट्रैक पर एक ही समय अगर दो ट्रेन आ रही है तो कवच सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है. और दोनों ट्रेनों को एक दूसरे से टकराने से रोक देता है.
Kavach System: जलपाईगुड़ी में क्यों काम नहीं आया कवच?
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुए रेल हादसे के बाद कई लोगों का यह सवाल है कि भारतीय रेलवे द्वारा तैयार किया गया ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम यानी कवच सिस्टम जो रेल हादसे रोकता है. वह जलपाईगुड़ी में काम क्यों नहीं आया. तो बता दें साल 2020 में कवच सिस्टम को ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन के रूप में लगाना शुरू किया गया है.
फिलहाल भारत के कई रेलवे रूट कवच सिस्टम को इंस्टॉल नहीं किया गया है. जलपाईगुड़ी के रूट पर भी कर सिस्टम इंस्टॉल नहीं है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कवच सिस्टम को फिलहाल दक्षिण मध्य रेलवे में 1465 किलो मीटर के रूट पर औऱ 139 इंजनों में इंस्टाॅल किया गया है.
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Kavach System: इस सिस्टम के तहत काम करेगा कवच
दरअसल कवच एक तरह का कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है, जो ट्रेन हादसे रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. हादसे की आशंका होने पर यह सिस्टम खुद ब खुद ट्रेन में ब्रेक लगा देता है. ओवर स्पीड होने पर भी यह सिस्टम ब्रेक लगा देगा. सामने कोई फाटक होने की स्थिति में भी ये सिस्टम हॉर्न बजाएगा.
शून्य दुर्घटना’ के लक्ष्य को हासिल करने में में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली का निर्माण किया गया है. कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को ऑटोमैटिक रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी.