आनंद मोहन रिहाई मामले में नीतीश सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगी जी कृष्णैया की बेटी

Bihar: बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार को जेल से रिहा हो गए.आनंद मोहन आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे थे. आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जता रहा है. आनंद मोहन की रिहाई को जी कृष्णैया की बेटी ने दुखद बताया. उन्होंने कहा, यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है.

जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा, ”आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है. सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. मैं नीतीश कुमार जी से अनुरोध करता हूं कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें. इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है. यह सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.”बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा किया है.

1994 में हुई थी जी कृष्णैया की हत्या

तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी कृष्णैया अनुसुचित जाति से थे. वह बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे. इसी दौरान भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. इस दौरान इन्हें गोली भी मारी गई थी. आरोप था कि डीएम की हत्या करने वाली उस भीड़ को कुख्यात बाहुबली आनंद मोहन ने ही उकसाया था. यही वजह थी कि पुलिस ने इस मामले में आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली समेत 6 लोगों को नामजद किया था.

कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी. 1994 के कलेक्टर हत्याकांड में आनंद मोहन सिंह को 2007 में फांसी की सजा सुनाई गई. 2008 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. अब उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को बिहार सरकार कारा अधिनियम में बदलाव करके जेल से रिहा कर दिया.

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