LIVE: केरल में बाढ़ ने मचाई भारी तबाही, अब तक 385 लोगों की मौत, खराब मौसम के चलते पीएम मोदी का हवाई सर्वेक्षण रद्द

तिरुवनंतपुरम: केरल इन दिनों भयंकर बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है। भारी बारिश और बाढ़ के चलते अब तक राज्य में 385 लोगों की मौत हुई है जबकि हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं। यहां एक दर्जन से अधिक हेलीकॉप्टर, सैकड़ों रक्षा कर्मियों, एनडीआरएफ की टीमों और मछुआरों ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है। हालांकि, शुक्रवार सुबह से कई जिलों में बारिश की रफ्तार कम हुई है, लेकिन बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल में बाढ़ की तबाही का जायजा लेने के लिए देर रात कोच्चि पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को उन्हें  बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करना था जो खराब मौसम के कारण रद्द करना पड़ा।पेरियार और इसकी सहायक नदियों में उफान से एनार्कुलम और त्रिशूर के कई कस्बे जलमग्न हो गए हैं। परावुर, कलाडी, चालाकुडी, पेरुं बवूर, मुवातुपुझा शामिल हैं। चालाकुडी से टीवी चैनलों को वीडियो क्लिप भेजने वाले लोगों के एक समूह ने कहा, ‘हमारे पास खाना नहीं है और 150 लोग राहत कार्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अकेले एनार्कुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं।

बचाव कार्यों में सरकार ने लाई तेजी
सूबे के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया है कि मई महीने से लेकर अब तक बारिश और बाढ़ के चलते 385 लोगों की मौत हो चुकी है। विजयन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य भर में 1,568 राहत शिविरों में 2.25 लाख लोग रह रहे हैं। मध्य केरल का पत्तनमतिट्टा जिला सर्वाधिक प्रभावित रहा। यहां पंबा नदी के उफान के कारण रानी और कोझेनचेरी जैसे कस्बे पूरी तरह से जलमग्न हैं। कोल्लम से नौका बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची और रक्षाकर्मियों की सहायता से बचाव अभियान जारी रहा। राज्य की राजधानी के तटीय गांवों से सैकड़ों अनुभवी मछुआरों पत्तनमतिट्टा पहुंचे और बचाव अभियान शुरू कर दिया। हेलीकॉप्टर भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।

कोझिकोड और वायनाड में 20,000 लोग राहत शिविरों में
आलुवा के विधायक अनवर सदत ने कहा कि ईंधन की कमी बचाव में बाधा डाल रही है क्योंकि मौजूदा स्थिति में परिवहन का एकमात्र साधन नाव है। उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत खराब हैं। अलुवा पूरी तरह से असहाय है। लोगों के पास पानी और भोजन नहीं है। हमारा एकमात्र सहारा मछुआरे हैं जो हमें बचा रहे हैं। मौसम विभाग ने शनिवार तक अगले 24 घंटों में कम बारिश होने का अनुमान जताया है। मलाप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड में राहत कार्य सुचारू ढंग से आगे बढ़ रही है। कोझिकोड और वायनाड में 20,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति और केरल की उप-समिति से मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर कम करके 139 फुट करने के तरीके तलाश करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि बाढ़ से निपटने में वह कोई विशेषज्ञ नहीं है, इस संकट से निपटने की जिम्मेदारी कार्यपालिका पर छोड़ी जा रही है। कोर्ट ने आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के संबंध में उठाए गए कदमों पर केरल से रिपोर्ट भी तलब की है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ते हुए समुचित एहतियाती कदम उठाए ताकि इससे लोग प्रभावित ना हो।

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