CBI की मांग पर मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 2 जून तक बढ़ी
New Delhi: दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 2 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करते हुए न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की थी।इससे पहले 3 अप्रैल को सिसोदिया ने अंतरिम जमानत की लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रूख किया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को कोर्ट ने जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
मामले में बुधवार को CBI ने कोर्ट में सिसोदिया न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की और उनकी जमानत याचिका का विरोध किया था।CBI ने कोर्ट में कहा कि मामले की जांच अभी एक महत्वपूर्ण चरण में है और जमानत मिलने पर सिसोदिया अपने राजनीतिक रसूख के चलते जांच को प्रभावित कर सकते हैं।इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जुड़े मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 23 मई तक बढ़ा दी गई थी।
CBI और ED से जुड़े दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में इसके खिलाफ अपील की है।गुरुवार को न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखते हुए जेल अधीक्षक को निर्देश दिये थे।कोर्ट ने कहा कि जमानत पर कोई फैसला आने तक सिसोदिया हर दूसरे दिन दोपहर 3-4 बजे के बीच बात करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं।
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है।उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप भी है, जिस कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गई और राजकोष को नुकसान हुआ।सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोरोना वायरस महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी लगा है।
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इसमें अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की CBI जांच कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था।CBI ने अपनी जांच के बाद मामले में सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी। 26 फरवरी को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।