मराठा आरक्षण: मनोज जरांगे ने खत्म किया अनशन, सरकार को दिया इतने महीने का अल्टीमेटम
Maharastra: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर अनशन कर रहे मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने नौ दिनों बाद भूख हड़ताल तोड़ दी. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार को दो जनवरी तक का अल्टीमेटम देते हुए मराठा आरक्षण लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने हमसे समय मांगा. कोई बात नहीं. इसे कुछ समय और दीजिए. 40 साल दिए हैं, आइए कुछ और समय दें, लेकिन आरक्षण आंदोलन नहीं रुकेगा. आप अपना समय लें. लेकिन हमें आरक्षण दीजिए, लेकिन अब दिया गया ये समय आखिरी होगा.
मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि हम सरकार को 2 जनवरी तक का समय दे रहे हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वह फिलहाल अपनी भूख हड़ताल छोड़ रहे हैं. तो आखिरकार नौ दिनों के बाद मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल खत्म हो गई है.
मनोज जारांगे ने कहा कि सरकार मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए तैयार है. यह विशेष रूप से महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए है. यदि आंशिक आरक्षण का निर्णय हुआ होता तो हमारा एक भाई परेशान होता और दूसरा खुश होता है. सबकी दिवाली मधुर हो. मेरा यह मत नहीं है कि एक मीठा है और दूसरा कड़वा है. इसलिए पूरे महाराष्ट्र के लिए काम करें.
मनोज जारंगे ने दो जनवरी तक दिया सरकार को अल्टीमेटम
उन्होंने कहा कि यदि आप समय लेना चाहते हैं तो ले लीजिए, लेकिन सभी भाइयों को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया. उन्होंने इसे मंजूरी दे दी. यह समिति पूरे महाराष्ट्र में काम करेगी. रिपोर्ट दी. मनोज जारांगे पाटिल ने यह भी चेतावनी दी कि हमने उन्हें बताया कि यह आखिरी बार है.
सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम जे गायकवाड़ और सुनील शुक्रे आज अंतरवली सराती गए और मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की. इस मौके पर उद्योग मंत्री उदय सामंत, धनंजय मुंडे समेत अन्य नेता मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने मनोज जरांगे पाटिल को कानूनी पहलुओं के बारे में बताया. हम ओबीसी के आरक्षण से समझौता किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहते हैं.
इसके लिए मराठा समुदाय के पिछड़ेपन को निर्धारित करने के मानदंडों को पूरा किया जा रहा है. उनका काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसे कुछ समय दीजिए. समस्या एक-दो दिन में हल नहीं होती. हम मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने जा रहे हैं. तो थोड़ा वक्त दीजिए, इन दोनों रिटायर जजों ने मनोज जारांगे पाटिल से कहा.