Masik Shivratri 2024: हर महीने क्‍यों मनाते हैं मासिक शिवरात्रि, क्‍या है महत्‍व, ऐसे करें शिव-शक्ति की पूजा

Masik Shivratri 2024: हर महीने क्‍यों मनाते हैं मासिक शिवरात्रि, क्‍या है महत्‍व, ऐसे करें शिव-शक्ति की पूजा

Masik Shivratri 2024: हिंदू धर्म में शिवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है. साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. शिव की पूजा में महीने में एक बार मासिक शिवरात्रि मनाने की भी परंपरा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन आधी रात को भगवान शिव का जन्म शिवलिंग के रूप में हुआ था.

हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. शिवरात्रि का पर्व  शिव और शक्ति के मिलन का पर्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव का देवी पार्वती से विवाह चतुर्दशी की रात्रि में हुआ था. इसलिए मासिक शिवरात्रि पर रात्रि में पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है.

Masik Shivratri 2024: शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 4 जुलाई 2024, की सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा, और इसका समापन अगले दिन 5 जुलाई की सुबह 5 बजकर 57 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार 4 जुलाई 2024 को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी और उपवास रखा जायेगा.

Masik Shivratri 2024: क्‍यों मनाते हैं मासिक शिवरात्रि

शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है इसको लेकर बहुत सी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन आधी रात को भगवान शिव, शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. जिसके बाद सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा की. शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी, मां सरस्वती, मां गायत्री, माता सीता, मां पार्वती और मां रति ने भी अपनी जान बचाने के लिए शिवरात्रि का व्रत रखा था.

Masik Shivratri 2024: माता पार्वती द्वारा भोलेनाथ की स्तुति

एक अन्य पौराणिक कथा है कि एक बार भगवान शिव क्रोधित हो गए तब उनकी क्रोधाग्नि से संसार के भस्म होने का खतरा मंडराने लगा. तब माता पार्वती ने भगवान शिव की स्तुति की और उनको प्रसन्न किया, जिससे भगवान शिव का क्रोध शांत हो गया. इस मान्यता के कारण भी हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.

Masik Shivratri 2024: बेहद खास होती है मासिक शिवरात्रि

भविष्य पुराण के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मासिक शिवरात्रि पड़ने के कारण ये तिथि बेहद खास होती है. इस तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं. इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ- साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना की जाती है. सुख-शांति की कामना से शिव का पूजन किया जाता है और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है. इस दिन शिवलिंग पर पुष्प चढ़ाने तथा शिव मंत्रों के जप का विशेष महत्व है. इस दिन पूरे विधि-विधान से शिवजी का पूजन और व्रत किया जाता है. मासिक शिवरात्रि व्रत के प्रभाव से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ और मोह आदि के बंधन से मुक्त हो जाता है.

Masik Shivratri 2024: कैसे करें मासिक शिवरात्रि पूजा?

शिव चतुर्दशी व्रत में महादेश शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी और शिवगणों की पूजा की जाती है. शिवजी की पूजा में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है. उनका अभिषेक दूध, दही, शहद, जल, शक्कर, गंगाजल तथा गन्ने के रस आदि से किया जाता है. अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, कुशा और दुर्वा आदि चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करते हैं. अंत में गांजा, भांग, धतूरा और नारियल आदि शिवजी को भोग के रूप में समर्पित किया जाता है. मासिक शिवरात्रि पर पूरे दिन निराहार रहकर व्रत का पालन किया जाता है. मासिक शिवरात्रि पर रात्रि के समय की गई पूजा और मंत्रों का जाप विशेष फलदायी माना गया है.

भगवान शिव के मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें. आप “महामृत्युंजय मंत्र”, “शिव स्तोत्र” और शिव चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं. पूजा का समापन भोलेनाथ और मां पार्वती की आरती के साथ करें और भगवान को भोग अर्पित कर परिवार के लोगों में प्रसाद वितरण करें. अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का समापन करें. यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो दिन भर हल्का और सात्विक भोजन ग्रहण करें. रात्रि जागरण करें और भगवान शिव का ध्यान करें.

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Masik Shivratri 2024: ये मिलता है फल

शिव पुराण के अनुसार, चौदस का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक पर्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ के लिए उपवास रखने से उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है.

ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की शादी में दिक्कतें आ रही हैं, वे अगर इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हैं, तो उनके विवाह से जुड़ी सभी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी.

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