Modi victory in Varanasi: अब की बार क्या बनेगा काशी में कीर्तिमान? मोदी लगाएंगे जीत की हैट्रिक
वाराणसी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाले दो ऐसे लोग हैं जो पीएम की कुर्सी पर भी बैठे. एक तो यहां से वर्तमान सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. दूसरे, बलिया के बाबू साहब के नाम से मशहूर चंद्र शेखर
Modi victory in Varanasi: काशी….. भगवान भोले की नगरी…..जिसके हर कण-कण में महादेव का निवास है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ इसी शहर में विराजमान है. पुराणों के अनुसार काशी भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी है.
उसी काशी से प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तीसरी बार इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं. सातवें चरण में वाराणसी पर सबकी नजरे लगी हुई है. पिछली बार के मुक़ाबले इस बार काशी का चुनाव कई मायनों में अलग दिख रहा है.
पीएम मोदी पिछले दस सालों से यहां सांसद हैं. पीएम मोदी ने 2014 में इस सीट से जितनी बड़ी जीत हासिल की थी, 2019 में उससे भी बड़ी जीत दर्ज की थी. बीजेपी इस बार जीत का अंतर बहुत बड़ा करने के लिए प्रयत्नरत है. ऐसे में सभी पार्टियों के दिग्गजों ने बनारस में अपना डेरा डाल दिया है. भाजपा के एस जयशंकर, जेपी नड्डा से लेकर विपक्षी नेता अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी भी बनारस के प्रवास पर हैं.
वाराणसी में इस बार जो सबसे दिलचस्प बात है वो ये कि इस बार पीएम मोदी के मुकाबले काफी कम उम्मीदवार मैदान में हैं. साल 2014 में 43 उम्मीदवार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव में दिखाई दिए थे. इसी तरह साल 2019 में 27 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा थी वहीं इस बार ये संख्या पीएम मोदी समेत घटकर सिर्फ सात ही रह गई है. इससे वोटों का बंटवारा नहीं होगा और पक्ष हो या विपक्ष एकमुश्त वोट पड़ेगा.
Modi victory in Varanasi: मोदी के खिलाफ कौन है मैदान में
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Modi victory in Varanasi: इन मुद्दों का भी दिखेगा असर
Modi victory in Varanasi: वाराणसी लोकसभा सीट
बता दें कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र में 19.62 लाख मतदाता हैं. राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सीट, जिसका प्रतिनिधित्व पीएम मोदी दो बार कर चुके हैं. वाराणसी में रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इस चुनाव में पीएम मोदी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय से है.
शहर में दक्षिण भारत की अच्छी खासी आबादी है. तेलगु और तमिल मिलाकर 2 लाख वोटर हैं और कन्नड और मलयालम 50 हजार. बिहार के 2 लाख से ज्यादा आबादी है. बंगाली, गुजराती, मारवाड़ी, मराठी वोटर भी बल्क वोटर का हिस्सा हैं.