Money laundering: क्‍या होती है मनी लॉन्ड्रिंग, जिसमें आप नेता सत्येंद्र जैन को मिली जमानत

Money laundering: क्‍या होती है मनी लॉन्ड्रिंग, जिसमें आप नेता सत्येंद्र जैन को मिली जमानत

Money laundering: दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी है।  मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में फंसे जैन को 30 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। जमानत के दौरान कोर्ट ने तीन महत्वपूर्ण शर्तें भी लगाई हैं, जिनका पालन सत्येंद्र जैन को करना होगा।

Money laundering: सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग के हैं आरोप

24 अगस्त 2017 को सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच की शुरुआत CBI द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर हुई। ED ने भी आरोप लगाया था कि जैन ने अपनी 4 कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की और इसका उपयोग 2015 से 2017 के बीच कई संपत्तियों की खरीद में किया। यह चल संपत्तियां दूसरे लोगों के नाम पर थी। इसके अलावा, उन पर दिल्ली और आसपास के इलाकों में कृषि भूमि की खरीद के लिए भी अवैध रूप से लोन चुकाने का आरोप था।

जांच एजेंसी के अनुसार, पूछताछ के दौरान जैन संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके थे। मामले में उनकी पत्नी पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

Money laundering: 10 महीने रहे अंतरिम बेल पर

30 मई 2022 को गिरफ्तारी के बाद, सत्‍येन्‍द्र जैन ने जमानत याचिका के लिए कोर्ट का रूख किया, लेकिन 17 नवंबर 2022 को ट्रायल कोर्ट ने इनकी याचिका काे खारिज कर दिया था। इसके बाद जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन 6 अप्रैल 2023 को हाईकोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी।

26 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने जैन को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी, ताकि वे अपनी सर्जरी करवा सकें। 18 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया था।

Money laundering: क्‍या है“मनी लॉन्ड्रिंग” और यह कैसे की जाती है?

मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में दिखाने से होता है। मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त धनराशि को छुपाने का एक तरीका है। मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से धन ऐसे कामों या निवेश में लगाया जाता है कि जाँच करने वाली एजेंसियां भी धन के मुख्य सोर्स का पता नही लगा पातीं है। मनी लॉन्ड्रिंग में अवैध माध्यम से कमाया गया काला धन सफ़ेद होकर अपने असली मालिक के पास वैध मुद्रा के रूप में लौट आता है।

मनी लॉन्ड्रिंग एक प्रकार का वित्तीय अपराध  है , जिसमें जानबूझकर अवैध रूप से अर्जित धन को वित्तीय और आर्थिक धाराओं, जैसे कि बैंकों में लाया जाता है और प्रसारित किया जाता है। यहाँ से, अपराधी कानूनी रूप से उस धन का उपयोग सामान और सेवाएँ खरीदने के लिए कर सकते हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग के संदर्भ में, ‘गंदा’ धन अवैध रूप से अर्जित नकदी को संदर्भित करता है और ‘साफ’ धन वह होता है जिसे स्वतंत्र रूप से उपयोग करने की अनुमति दी जाती है। मनी लॉन्ड्रिंग सिस्टम को धोखा देकर गंदे धन को साफ धन के रूप में प्रदर्शित करता है।

Money laundering: भारत में मनी लॉन्ड्रिंग की सजा क्या है?

भारत में, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सजा का प्रावधान मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत किया जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग को एक गंभीर अपराध माना जाता है और पीएमएलए का उद्देश्य सख्त कानूनी उपाय लागू करके मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से निपटना है।

NSG commandos: NSG कमांडो को नई जिम्‍मेदारी, VIP सुरक्षा के बजाय आतंकरोधी अभियानों में होंगे शामिल

मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए सज़ा मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की धारा 4 के तहत निर्दिष्ट की गई है। इस धारा के अनुसार: इसकी सज़ा तीन से सात साल तक की कैद है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि लूटी गई संपत्ति मादक पदार्थों से संबंधित अपराध से संबंधित है, तो सजा की अवधि दस वर्ष तक हो सकती है।

 

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427