NATO में शामिल हुए फिनलैंड और स्वीडन, जो बाइडन ने किया स्वागत
फिनलैंड और स्वीडन औपचारिक रूप से अब नाटो गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं. मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक इंस्ट्रूमेंट ऑफ रेटिफिकेशन हस्ताक्षर किया है जिसके साथ दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा समूह नाटो के औपचारिक पार्टनर बन गए. बाइडन ने नाटो ज्वाइन करने पर दोनों देशों का स्वागत भी किया. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से नाटो को एक नया आकार देने की दिशा में यह क़दम उठाए गए हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के पीछे नाटो गठबंधन में शामिल होने की यूक्रेन की मंशा भी एक वजह है, जिससे रूस खुद की सुरक्षा को लेकर ख़ासा चिंतित था.
जो बाइडन ने कहा, “नाटो में शामिल होने की मांग से फिनलैंड और स्वीडनएक पवित्र प्रतिबद्धता बना रहे हैं कि एक के ख़िलाफ़ हमला, सभी के ख़िलाफ़ हमला है.” अमेरिका ऐसा 23वां देश है जिसने दोनों देशों को नाटो गठबंधन के हिस्से के रूप में अप्रूव किया है और बाइडन ने कहा कि उन्होंने रेटिफिकेश पर हस्ताक्षर करने से पहले दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से बात की और साथ ही अन्य देशों से यह प्रक्रिया जितनी जल्दी हो सके, पूरा करने की अपील की.
30 देशों का सुरक्षा समूंह है नाटो
दोनों देशों ने यूक्रेन को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की अक्रामकता को देखते हुए पिछले साल ही नाटो में शामिल होने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की थी. नाटो 30 देशों का एक सुरक्षा समूंह है और इस गठबंधन में शामिल होने के लिए सभी देशों की सहमति ज़रूरी है. माना जा रहा है कि बाकी के देश आने वाले महीने में दोनों देशों फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल होने को अप्रूवल दे सकते हैं. तीन महीने पहले दोनों देशों ने नाटो मेंम्बरशिप के लिए अप्लाई किया था और अभी तक दोनों को आधे से ज़्यादा देश अप्रूवल दे चुके हैं.यह अमेरिका और यूरोप में अपने 73 साल के इतिहास में लोकतांत्रिक सहयोगियों के बीच आपसी रक्षा के समझौते के सबसे तेज विस्तार में से एक है. दोनों यूरोपीय देश अपने सैन्य गुटनिरपेक्षता की नीति पर चल रहे थे जिसे दरकिनार करते हुए रूसी अक्रामकता के बाद मई में नाटो मेंम्बरशिप के लिए अप्लाई किया था. फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दोनों देशों को अपनी सुरक्षा की चिंता था. बाइडेन ने उनके शामिल होने को प्रोत्साहित किया और मई में व्हाइट हाउस में दोनों देशों के सरकारी प्रमुखों का स्वागत किया, जो अमेरिका के समर्थन के प्रदर्शन में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए थे.