NIRBHAYA CASE : पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर सुनवाई टली, अब 7 जनवरी को होगी

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया मामले में चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को फांसी के लिए डेथ वारंट जारी करने संबंधी याचिका पर सुनवाई हुई। निर्भया के वकील ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया जाए। इस पर पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर सुनवाई टाल दी है। अब सात जनवरी को सुनवाई होगी। ऐसे में दोषियों को अब 20 दिन को मोहलत और मिल गई है। दोषी जो भी कानूनी या दया याचिका जैसे विकल्प फॉलो करना चाहते हैं, कर सकते हैं। कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां रोने लगीं। उन्होंने कहा कि उनके पास सभी अधिकार हैं, हमारा क्या? दोषियों की पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई।

-सरकारी वकील राजीव मोहन ने कहा कि दया याचिका से पहले डेथ वारेंट जारी किया जा सकता है।

-जेल प्रशासन का कहना है कि दोषी मुकेश दया याचिका नहीं देना चाहता है। इसके अलावा दोषी विनय अपनी दया याचिका वापस ले चुका है।

-पटियाला हाउस कोर्ट में दोषी मुकेश की तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ है। वहीं निर्भया के माता-पिता के वकील ने डेथ वारंट जल्द जारी करने की मांग की है।

– निर्भया की मां ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मैं खुश हूं। उन्होंने कहा कि अब हम न्याय के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं।

-इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए अक्षय की रिव्यू पिटिशन खारिज कर दी है। फांसी बरकरार रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में दोषी के वकील को पूरा मौका दिया गया लेकिन दोषी के वकील ने कोई नई बात नहीं की है।जस्टिस भानुमति जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये दलीलें हम पहले भी सुन चुके हैं।

-निर्भया के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट आज दोपहर 1 बजे अपना फैसला सुनाएगा।
-सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। इस मामले में निचली अदालत, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, ऐसे में इस याचिका को भी खारिज करना चाहिए। SG तुषार मेहता ने कहा कि ये मामला फांसी का फिट केस है, क्योंकि यह मानवता के खिलाफ हमला था। उन्होंने कहा कि इस केस में बिना देरी के तुरंत फैसला करना चाहिए। साथ ही तुषार मेहता ने यह भी कहा कि दोषी किसी तरह की सहानुभूति पाने का हकदार नहीं है, उसे मौत की सजा मिलनी चाहिए।

– अक्षय के वकील एपी सिंह ने जांच पर सवाल उठाते हुए तिहाड़ के जेलर सुनील गुप्ता की किताब का जिक्र करते हुए कहा कि किताब के अनुसार राम सिंह की आत्महत्या पर भी सवाल उठाए गए थे। इस पर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि ट्रायल पूरी होने के बाद कोई किताब लिखे ये खतरनाक ट्रेंड हैं। उन्होंने ट्रायल के दौरान क्यों नहीं बताई? बाद में कोई कुछ भी लिख दे इसका कोई मतलब नहीं। दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने TIP यानी टेस्ट इन परेड को लेकर भी सवाल उठाए। जस्टिस भानुमति ने कहा कि इस पॉइंट को ट्रायल में कंसीडर किया गया था? सिंह ने कहा कि नहीं, ये नया फैक्ट है।

-दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने आगे कहा कि जब देश मे इतने लोगों की फांसी लंबित है दया याचिका दाखिल होने के बाद भी तो उनको ही लटकाने की जल्दी और हड़बड़ी क्यों? ये प्रेशर में हो रहा है। वकील ने मुख्य गवाह अमरिंदर पांडे पर सवाल उठाते हुए कहा कि मामले में उनके सबूत और प्रस्तुतियां अविश्वसनीय हैं।

दोषी अक्षय के वकील ने कहा कि यह मामला राजनीति और मीडिया के दबाव से प्रभावित रहा है और दोषी के साथ घोर अन्याय हो चुका है। अक्षय ने दया का अनुरोध करते हुए दलील दी है कि वैसे भी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण जीवन छोटा होता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ जुलाई को इस मामले के तीन दोषियों मुकेश, पवन और विनय की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि इनमें 2017 के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है।

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427