अब आधार के साथ जोड़ा जाएगा मनरेगा पेमेंट

New Delhi: ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जब 31 मार्च तक नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) के माध्यम से ABPS और सामान्य इलेक्ट्रॉनिक भुगतान दोनों के माध्यम से पेमेंट की मंजूरी जारी रखने का निर्णय लिया था. अब इसकी समय सीमा को बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है. सरकार ने इस योजना को 2017 में आंशिक रूप से लागू किया था. एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत मजदूरी के निपटान के लिए आधार के जरिए पेमेंट सिस्टम (ABPS) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है और राज्यों को इसके बारे में सूचित किया है.

सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वेतन भुगतान का मौजूदा आधार-आधारित पेमेंट सिस्टम 30 जून के बाद बंद कर दिया जाएगा. इसकी समय सीमा को अब और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. 1 फरवरी से एबीपीएस में पूरी तरह से स्विच करने के पहले के निर्देश ने कार्यकर्ताओं और श्रमिकों के विरोध को जन्म दिया था, जिनमें से कई ने दावा किया था कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण श्रमिकों को भुगतान से वंचित किया जा रहा है.

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा स्थापित एनएसीएच एक फंड-क्लियरिंग प्लेटफॉर्म है जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से आवर्ती इंटरबैंक लेनदेन की सुविधा देता है. ABPS फंड ट्रांसफर के लिए लाभार्थियों की पहचान करने के लिए आम तौर पर आधार संख्या का उपयोग करता है, जबकि NACH उनके बैंक खाते के डिटेल का उपयोग करता है.

अधिकारियों ने कहा कि मार्च में 85% भुगतान ABPS के माध्यम से हुआ, जो पिछले महीने में लगभग 78% रहा. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, एबीपीएस को 2017 में यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया था कि बैंक खाते से संबंधित समस्याओं के कारण श्रमिकों को वेतन भुगतान में कोई देरी न हो. यह प्रणाली वेतन भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करती है.

राज्यों के अनुरोध पर 31 मार्च तक भुगतान मॉडल के विस्तार की घोषणा करते हुए मंत्रालय ने 19 मार्च को कहा था कि यदि लाभार्थी पहले से ही ABPS से जुड़ा हुआ है, तो भुगतान केवल इस प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा. बाकी के लिए, एनएसीएच सिस्टम 31 मार्च तक जारी रहेगी यदि लाभार्थी अभी तक कुछ तकनीकी कारणों से एबीपीएस से नहीं जुड़ पाए हैं.

आंकड़ों के अनुसार, MGNREGS के तहत 142.5 करोड़ एक्टिव मजदूर हैं. पिछले महीने मंत्रालय ने कहा था कि इन श्रमिकों में से 95.4% का आधार नरेगासॉफ्ट में किया गया था, एक ई-गवर्नेंस सिस्टम जो इस योजना के तहत सभी गतिविधियों को कैप्चर करता है. उनमें से 100 करोड़ से अधिक श्रमिकों को ABPS के तहत पंजीकृत किया गया है.

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