Paris Olympics: भारत ने लगातार दूसरी बार हॉकी में जीता ब्रॉन्ज, स्पेन को 2-1 से हराया
Paris Olympics: भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से हराया. पिछले यानी टोक्यो ओलंपिक में भी भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. हॉकी में भारत का यह चौथा ब्रॉन्ज मेडल है. इसके साथ ही भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 52 साल बाद एक इतिहास रच दिया है.
भारतीय टीम ने स्पेन के खिलाफ कुल 2 गोल दागे, वहीं स्पेन की टीम केवल एक ही गोल लगा पाई.इससे पहले ओलंपिक के इतिहास की बात करें तो भारत ने लगातार यानी बैक टू बैक मेडल साल 1968 और 1972 में अपने नाम किए थे। इसके बाद कभी ऐसा मौका नहीं आया कि भारत ने दो बार लगातार हॉकी में मेडल जीता हो। लेकिन अब भारत ने इतिहास दोहरा दिया है.
Paris Olympics: 40 साल बाद भारत ने हॉकी में लगातार 2 मेडल जीते
दरअसल, भारतीय हॉकी टीम 52 साल बाद ओलंपिक में लगातार 2 मेडल जीते हैं. इससे पहले 1960 से 1972 तक भारत ने हॉकी में लगातार 4 मेडल जीते थे. फिर 1976 ओलंपिक में देश को कोई मेडल नहीं मिला. इसके बाद 1980 में गोल्ड जीता था.
1980 के बाद से भारतीय टीम ओलंपिक में मेडल के लिए तरसती रही. फिर मेडल का सूखा 40 साल बाद खत्म हुआ और भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में आकर ब्रॉन्ज मेडल जीता. अब हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर 52 साल बाद इतिहास रचा है. 1968 और 1972 में भी भारत ने लगातार 2 ब्रॉन्ज ही जीते थे.
Paris Olympics:भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में किया शानदार प्रदर्शन भारत और स्पेन की टीमें अभी तक अच्छा प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही हैं. हालांकि दोनों ही टीमों को अपने अपने सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. जहां एक ओर भारतीय टीम को जर्मनी से एक करीबी हार मिली, वहीं स्पेन की टीम नीदरलैंड्स के खिलाफ करीब करीब एकतरफा मैच हार गई थी. यानी यहां पर भी भारत को बढ़त थी.
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भारतीय हॉकी टीम ने इससे पहले साल 2020 में टोक्यो में खेले गए ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. भारत ने उस साल भी शानदार खेल दिखाते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन वहां भी गोल्ड और सिल्वर की दौड़ से एक मुकाबले पहले हार गई. इसके बाद भारत और जर्मनी के बीच ब्रॉन्ज मेडल खेला गया, जहां भारतीय हॉकी टीम ने मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.