PM पद का न तो दावेदर न ही इच्छुक, बस समय है तो विपक्ष को एकजुट करने का: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह न तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं और न ही इसके लिए इच्छुक हैं. नीतीश कुमार का यह बयान उन अटकलों के बीच आया है कि उनका राष्ट्रीय राजधानी का दौरा विपक्षी दलों का नेता बनने की उनकी कवायद का हिस्सा है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के कार्यालय में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) महासचिव डी राजा से मुलाकात करने के बाद कुमार ने पत्रकारों से कहा कि यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर एक मजबूत विपक्ष का गठन करने का है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से नाता तोड़ने के बाद नीतीश पहली बार सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे. उन्होंने सोमवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख एच. डी. कुमारस्वामी से और मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की.
हम सभी के साथ आने के बड़े मायने- नीतीश कुमार
वाम नेताओं से मुलाकात के बाद कुमार ने कहा, सीपीआईएम के साथ मेरे पुराने और लंबे संबंध हैं. आप सभी ने नहीं देखा होगा, लेकन मैं जब भी दिल्ली आया इस कार्यालय में जरूर आता था. आज फिर हम सब एकसाथ हैं. हमारा पूरा ध्यान सभी वाम दलों, क्षेत्रीय दलों, कांग्रेस को एकजुट करने पर है. हम सभी के साथ आने के बड़े मायने होंगे. कुमार ने कहा कि माकपा से उनके संबंध उन दिनों से है जब वह पहली बार सांसद बने थे. प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, यह गलत है. मैं न तो उस पद का दावेदार हूं और न ही इसको लेकर इच्छुक हूं. वहीं, येचुरी ने कहा कि कुमार की विपक्षी खेमे में वापसी और भाजपा के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बनने की उनकी इच्छा भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है.
उन्होंने कहा, हमारी पहली कोशिश विपक्षी दलों को एकजुट करने की है न कि प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन करने की. जब समय आएगा, हम प्रधानमंत्री पद का दावेदार चुनेंगे और आपको बताएंगे. माकपा महासचिव ने कहा कि अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्ययोजना नहीं तैयार की गई है लेकिन बातचीत जारी है. उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि जो राजनीतिक दल देश की एकता, विविधता, इसके अनूठे चरित्र और अपने संविधान की रक्षा करना चाहते हैं, सब साथ आएंगे. राजा ने कहा कि उन्होंने कुमार के साथ देश के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की.
उन्होंने नीतीश से मुलाकात के बाद एक ट्वीट में कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के अधिनायकवादी कुशासन के खिलाफ एकता का भारतीय मॉडल आकार ले रहा है. मैंने उन्हें (नीतीश को) मार्क्स और आंबेडकर पर लिखी मेरी पुस्तकों की एक-एक प्रति भी भेंट की.
कई नेताओं से मिलेंगे नीतीश कुमार
राजा ने कहा, बिहार में पिछले दिनों हुआ राजनीतिक बदलाव सिर्फ उस राज्य तक ही सीमित नहीं है. देश की राजनीति पर इसका का व्यापक प्रभाव होगा. हमारा मानना है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी वामपंथी दलों और क्षेत्रियों दलों को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आना होगा.नीतीश जी भी यही कोशिश कर रहे हैं.
नीतीश कुमार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार, समाजवादी पार्टी (एसपी) के अखिलेश यादव और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के ओम प्रकाश चौटाला सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलने की संभावना है.