Rahul Gandhi Leader of Opposition: नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी, इन महत्‍वपूर्ण निर्णयों में होंगे शामिल, पहली बार मिला संवैधानिक पद

Rahul Gandhi Leader of Opposition: नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी, इन महत्‍वपूर्ण निर्णयों में होंगे शामिल, पहली बार मिला संवैधानिक पद

Rahul Gandhi Leader of Opposition: राहुल गांधी 20 साल के राजनीतिक सफर में पहली बार किसी संवैधानिक पद पर आसीन होने जा रहे हैं.  लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान के बाद मंगलवार को इंडिया गठबंधन के घटक दलों की बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने का फैसला हुआ है.

इस लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दो लोकसभा सीट वायनाड और रायबरेली ने चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव परिणाम के ऐलान के बाद राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा की सीट छोड़ दी.

यहाँ आपको ये भी बता दें कि भारत के संविधान में कहीं भी विपक्ष के नेता के पद का उल्लेख नहीं है, लेकिन संसदीय कानूनों में इसका उल्लेख है.

Rahul Gandhi Leader of Opposition: कैसे होता है नेता प्रतिपक्ष का चुनाव

विपक्ष का नेता बनने के लिए ऊपरी या निचले सदन में औपचारिक मान्यता प्राप्त किसी पार्टी के पास सदन की कुल ताकत का कम से कम 10% होना चाहिए. यानी सरल भाषा में कहें तो एक पार्टी के पास कम से कम 55 सीटें होनी चाहिए, तभी वह विपक्षी पार्टी की भूमिका ले सकती है.

यहाँ ये बात भी ध्यान दी जानी चाहिए की विपक्षी दलों का गठबंधन विपक्ष के नेता को नामित नहीं कर सकता. विपक्ष नेता कोई पद पर बने रहने के लिए सदस्य के अध्यक्ष की ओर से मान्यता प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. इसलिए सीधे तौर पर कहा जा सकता है की विपक्षी नेता पद की मान्यता के मामले में लोकसभा स्पीकर अंतिम फैसला करता है.

Rahul Gandhi Leader of Opposition: क्‍यों अहम है ये पद

नेता प्रतिपक्ष बनने पर राहुल गांधी की इस पद पर भूमिका बड़ी हो जाएगी. वो सरकार के आर्थिक फैसलों की समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर अपनी टिप्पणी भी कर सकेंगे. राहुल गांधी उस लोक लेखा समिति के भी प्रमुख बन जाएंगे, जो सरकार के सारे खर्चों की जांच करती है और उनकी समीक्षा करने के बाद टिप्पणी भी करती है.

नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल की भूमिका-

  • सरकार के आर्थिक फैसलों की समीक्षा कर सकेंगे
  • लोक लेखा समिति के प्रमुख होंगे राहुल गांधी
  • सरकारी खर्चों पर टिप्पणी कर सकेंगे राहुल

Rahul Gandhi Leader of Opposition: ये होंंगे अधिकार

  1. राहुल गांधी अब नेता प्रतिपक्ष के तौर उस कमिटी का भी हिस्सा होंगे जो CBI डायरेक्टर, CVC यानि सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल या लोकायुक्त, नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन के चेयरपर्सन और सदस्य और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती है।
  2. इन सारी नियुक्तियों में राहुल नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां पीएम मोदी बैठेंगे और ऐसा पहली बार होगा, जब इन फैसलों में प्रधानमंत्री को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी से भी सहमति लेनी होगी।
  3. नेता प्रतिपक्ष होने के बाद वह सरकार के आर्थिक फैसलों की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर अपनी टिप्पणी भी कर सकेंगे।
  4. सबसे बड़ी बात ये है कि संसद की मुख्य समितियों में राहुल बतौर नेता प्रतिपक्ष के रूप में शामिल होंगे और उनके पास ये अधिकार होगा कि वो सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा करते रहेंगे।

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Rahul Gandhi Leader of Opposition: राहुल तीसरे सदस्‍य,जिन्‍हें मिला नेता प्रतिपक्ष

नेहरू-गांधी परिवार को तीसरी बार नेता प्रतिपक्ष का पद मिला है. राहुल से पहले उनकी मां सोनिया गांधी और पिता राजीव गांधी भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. सोनिया गांधी ने अक्टूबर 1999 से फरवरी 2004 तक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई है जबकि राजीव गांधी 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक नेता विपक्ष रह चुके हैं.

Rahul Gandhi Leader of Opposition: राहुल की राजनीतिक पारी

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चौथी बार सांसद बने राहुल गांधी 2004 से चुनावी राजनीति में सक्रिय हैं. वो तीन बार अमेठी से और एक बार वायनाड से सांसद रहे हैं.

कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्व भूमिका निभाने वाले राहुल गांधी, संसद या सरकार में अब तक किसी पद पर नहीं रहे हैं .जबकि 2004 से 2014 तक कांग्रेस की ही केंद्र में सरकार रही. वो यूथ कांग्रेस और NSUI के प्रभारी रह चुके हैं. राहुल को 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया और 2017 में पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की हार के बाद राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. लोकसभा चुनाव से काफी पहले से ही राहुल काफी सक्रिय हो गए थे उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा और चुनाव प्रचार के दौरान संविधान बचाओ अभियान के साथ पार्टी का नेतृत्व संभाला.

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