RBI गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे ने बढ़ाई PM मोदी की मुश्किलें, केंद्रीय बैंक-सरकार के बीच तालमेल बनाने की कोशिशों को लगा झटका
नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक और नरेंद्र मोदी सरकार के बीच मनमुटाव के सामने आने के लगभग एक महीने बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। हालांकि उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण बताया है। उर्जित पटेल ने कहा है कि उन्होंने तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता और सरप्लस में सरकार की हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा था। हालांकि पटेल ने अपने इस फैसले के बारे में कोई विशिष्ट कारण नहीं बताया है।
गवर्नर उर्जित पटेल ने पत्र में लिखा ये
गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर 2018 को अपना इस्तीफा देने के बाद आरबीआई वेबसाइट पर भी एक बयान जारी किया है। बयान में उन्होंने कहा है कि निजी कारणों की वजह से मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से रिजर्व बैंक में कई पदों पर कार्य करना मेरे लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है। हाल के वर्षों में आरबीआई कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रबंधन ने अपने समर्थन और कठोर कार्य की बदौलत केंद्रीय बैंक को आगे बढ़ाने में मेरी मदद की है। मैं अपने सहयोगियों और आरबीआई केंद्रीय बोर्ड के डायरेक्टर्स का धन्यवाद देता हूं और भविष्य के उन्हें अपनी शुभकामना प्रेषित करता हूं।
पटेल के इस्तीफे पर आश्चर्यचकित हूं : गुरुमूर्ति
राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) संघ के विचारक और रिजर्व बैंक निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक एस. गुरुमूर्ति ने रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर सोमवार को आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच विवादित मुद्दों पर जो तालमेल बनने जा रहा था उन कोशिशों के लिए उर्जित पटेल का इस्तीफ बड़ा झटका है।
गुरुमूर्ति ने पटेल के त्यागपत्र को आश्चर्यचकित करने वाला’’ बताया और कहा कि उनकी (पटेल की) कमी खलेगी। गुरुमूर्ति ने ट्वीट कर कहा आरबीआई गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया है यह खबर सुनकर मैं आश्चर्यचकित हूं। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को हुई रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक काफी बेहतर माहौल में हुई थी। ऐसे में गवर्नर के इस्तीफे की खबर आर्श्चचकित करने वाली है।
उन्होंने कहा कि निदेशक मंडल में शामिल सभी निदेशकों ने कहा कि मीडिया ने गलत धारणा बनाई है जबकि अंदरखाने चीजें पूरी तरह से अलग हैं। स्वदेशी विचारक ने कहा कि उस बैठक के माहौल को देखते हुए ताजा घटनाक्रम और भी आश्चर्यचकित करता है।