Sanjay Jha: कौन है संजय झा जिस पर नीतीश कुमार ने जताया भरोसा, बनाया JDU का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
Sanjay Jha: दिल्ली में आज जेडीयू कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव लाया जिसका सभी ने समर्थन किया.
संजय झा जिनको नीतीश कुमार का संकटमोचक कहा जाता है, कुछ दिन पहले ही राज्यसभा सदस्य जेडीयू की तरफ से बनाया गया है.
दरअसल, नीतीश कुमार ने इसी वर्ष महा गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में वापसी की थी. जदयू की एनडीए में वापसी कराने में अहम भूमिका संजय झा की मानी जाती है. साथ ही संजय झा को भाजपा और जदयू में समन्वय स्थापित करने में अहम कड़ी के तौर पर देखा जाता है. इसका एक बड़ा कारण संजय झा का शुरुआती दौर में एबीवीपी से शुरू हुआ सियासी सफर है.
Sanjay Jha: बीजेपी से राजनितिक पारी की शुरूआत
संजय कुमार झा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी के साथ की थी. इसके बाद साल 2012 में जेडीयू में शामिल हो गए. दो साल बाद उन्होंने पार्टी के टिकट पर बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए. उस वक्त जेडीयू अकेले लोकसभा चुनाव में उतरी थी. बताया जाता है कि बीजेपी में सजंय कुमार झा के गॉडफादर अरुण जेटली थे. जेएनयू से पढाई करने के कारण वहीं उनकी भाजपा नेताओं से पहचान बनी थी. युवा अवस्था से ही संजय झा की रुचि राजनीति में रही और उनका झुकाव शुरू शुरू में बीजेपी की तरफ रहा और धीरे धीरे अरुण जेटली के बेहद करीबी बने और राजनीति में आगे बढ़ते चले गए.
Sanjay Jha: ऐसे बन गए नीतीश के खास
बीजेपी में संजय झा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे और इसी दौरान उनकी नजदीकी नीतीश कुमार से भी बढ़ती जा रही थी, जिनका अरुण जेटली से बेहद मधुर संबंध माना जाता था और जब दोनों की मुलाकात दिल्ली में होती थी तो संजय झा भी मौजूद रहते थे. नीतीश कुमार और अरुण जेटली के मधुर संबंध के बीच संजय झा की अहमियत नीतीश कुमार के नजर में तब और बढ़ती चली गई जब अरुण जेटली बिहार बीजेपी के प्रभारी बने.
अरुण जेटली के बिहार प्रभारी बनने के बाद संजय झा दोनों के बीच सेतु बनते चले गए. इसी दौरान आपसी तालमेल और राजनीतिक हालात की वजह से संजय झा बीजेपी से जदयू में आ गए और तब से नीतीश कुमार के साथ ना सिर्फ मजबूती से बने हुए है बल्कि जब-जब नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हुए, इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
Sanjay Jha: नीतीश के सूत्रधार
जदयू में आने के बाद संजय झा बेहद कम समय में नीतीश कुमार के करीबियों में शामिल हो गए. नीतीश कुमार के साथ सरकार में मंत्री के रूप में काम करने के साथ ही पार्टी संगठन पर भी झा की नजर रहती . नीतीश कुमार जब वर्ष 2014 में बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव में उतरे और फिर 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश ने लालू यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उसके बाद 2017 में जदयू की फिर से एनडीए में वापसी में संजय झा ने अहम् भूमिका निभाई.
इसका खुलासा खुद जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने 2022 में किया था जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर फिर से लालू यादव के साथ महागठबंधन में आ गए थे. वहीं 2024 में फिर से जदयू की एनडीए में वापसी में संजय झा को मुख्य सूत्रधार माना गया. ऐसे में पार्टी और सरकार में मजबूत पकड़ के साथ ही भाजपा के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने वालों में संजय झा की प्रमुख भूमिका रही है.
Sanjay Jha: नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट में मंत्री भी बनाया
संजय झा की ऐसे तो पॉलिटिकल ट्रेनिंग बीजेपी में हुई लेकिन 2012 में नीतीश कुमार ने संजय कुमार झा को जेडीयू जॉइन कराया और 2014 में जेडीयू के उम्मीदवार के तौर पर दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ाया मगर तब वो चुनाव हार गए थे लेकिन संजय झा की अहमियत इसी से समझी जा सकती है जब नीतीश कुमार ने ना सिर्फ राज्यपाल कोटा से विधान परिषद का सदस्य बनवाया बल्कि अपनी कैबिनेट में मंत्री भी बना दिया.
Sanjay Jha: राज्यसभा सांसद के रूप जेडीयू और एनडीए के बीच बैलेंस रखेंगे
एक साल बाद बिहार में विधानसभा चुनाव है. अब संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर सीएम नीतीश ने अपने राजनीतिक संकेत को परिलक्षित कर दिया है कि एक कड़ी के रूप में झा को रखना चाहते हैं. एक ऐसा पुल जो एनडीए में जदयू और भाजपा में बेहतर तालमेल बनाकर रखे. संजय झा दिल्ली में राज्यसभा सदस्य के रूप में रहेंगे तो वहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू के लिए मजबूत मांगों को रखेंगे.
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Sanjay Jha: 3 बार एमएलसी, 3 बार मंत्री
वर्ष 2006 में संजय झा पहली बार एमएलसी बने थे. अब तक तीन बार एमएलसी और पहली बार राज्यसभा सांसद बने संजय झा जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं. वहीं बिहार सरकार में मंत्री के रूप में तीन कार्यकाल दे चुके हैं. संजय कुमार झा ने बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री की जिम्मेदारी तीन बार संभाली. साथ ही नीतीश कुमार के सबसे करीबी और सबसे भरोसेमंद नेता के रूप में भी जाना जाता है. अब इन तमाम अनुभवों का लाभ जदयू उनके कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में लेना चाहेगी.