शिंदे गुट ही असली शिवसेना, उद्धव गुट के खिलाफ जाता स्पीकर का फैसला
Maharastra: महाराष्ट्र में 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला पढ़ते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिंदे को नेता पद से हटाए जाने का अधिकार उद्धव ठाकरे पास नहीं था. यदि ऐसा किया जाना था तो यह फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होना चाहिए था. फैसला सुनाते वक्त स्पीकर राहुल नार्वेकर ने यह भी कहा कि ECI ने शिंदे गुट की शिवसेना को ही असली माना है. फैसले में मैंने इसी को ध्यान में रखा है.मैंने चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान रखा. शिवसेना का 1999 का संविधान ही सर्वोपरि है.उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है. सीएण एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला जा रहा है. स्पीकर फैसला पढ़कर सुना रहे हैं. फैसले के दौरान स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का फैसला ही सर्वमान्य होता है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सबसे बड़ी संस्था होती है. एकनाथ शिंदे नियमों के तहत पार्टी के नेता बने.
20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 39 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी.एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया था.देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे. उद्धव पक्ष ने दल-बदल कानून के तहत पहले स्पीकर को नोटिस दिया. फिर दोनों गुट सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाया. दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं