संदेशखाली मामले में ममता सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट का तुरंत सुनवाई से इनकार
West Bengal: पश्चिम बंगाल की संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई गई याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया. मामले में बंगाल सरकार केे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग की थी. इसके पीछे सिंघवी ने दलील दी थी कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जाए नहीं तो हमें हाईकोर्ट के आदेश के अवमानना का सामना करना पड़ेगा.
संदेश खाली मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट के सीबीआई को जांच सौंपने के फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि सीजेआई के आदेश की प्रतीक्षा करें. याचिका में सरकार ने दलील दी कि हाईकोर्ट द्वारा आरोपी को सीबीआई को सौंपने के लिए 4ः30 घंटे का समय दिया गया जो कि हमारे अधिकारों के खिलाफ है.
बता दें कि इस मामले में बंगाल सरकार और ईडी ने अलग-अलग याचिका दायर की थी. ईडी चाहती थी कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए वहीं ममता सरकार चाहती थी कि इस मामले की जांच राज्य पुलिस ही करें. गौरतलब है ईडी की राशन घोटाला मामले के आरोपी शाहजहां शेख को पकड़ने के लिए संदेशखाली पहुंची तो शेख के समर्थकों ने ईडी की टीम पर धावा बोल दिया था. इसमें कई अधिकारी घायल हो गए थे. मामले में ईडी पहले ही ज्योतिप्रिय मलिक और उसके सहयोगियों को पकड़ चुकी है.
ऐसे सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार
ऐसे में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को सीबीआई को नहीं सौंपा. आदेश के बाद बंगाल सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामले को रखा और जल्द सुनवाई की मांग की. इसके बाद जस्टिस खन्ना की बेंच ने मामले में तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आप रजिस्ट्रार जनरल के सामने जल्द सुनवाई की मांग करे. हम अभी इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं.