Special state: बिहार के लिए नीतीश क्‍यों कर रहे है विशेष राज्‍य की मांग, क्‍या होता है विशेष राज्‍य का दर्जा, क्‍या होगा फायदा?

Special state: बिहार के लिए नीतीश क्‍यों कर रहे है विशेष राज्‍य की मांग, क्‍या होता है विशेष राज्‍य का दर्जा, क्‍यों की जाती है मांग?

Special state:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की. जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.
बिहार के लिए विशेष राज्‍य के दर्जे की मांग नीतीश कुमार बीते कई सालों से कर रहे है. वैसे बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने सबसे पहले इस मुद्दे को तब उठाया था, जब वह 2005 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

इस बार उनकी ये मांग पूरी होगी, इसकाे लेकर नीतीश कुमार काफी आश्‍वस्‍त हैं, क्‍योंकि इस बार एनडीए की नवनिर्वाचित सरकार में उनकी प्रमुख हिस्‍सेदारी है.

Special state: क्या होता है विशेष राज्य का दर्जा?

दरअसल, वो राज्‍य, जो देश के बाकी हिस्सों की तुलना में पिछड़े हुए हैं, उन्‍हें विशेष राज्‍य का दर्जा दिया जाता है. ऐसे राज्यों को विकसित करने के लिए, केंद्र सरकार उन्‍हें कई तरह के विशेष पैकेज देती है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद से प्रदेश सरकार को कई तरह की छूट और अनुदान मिलने लगते हैं.

साथ ही उन्हें विशेष राज्य का दर्जा देकर केंद्र की ओर से विशेष पैकेज, टैक्स में छूट जैसी राहत मिलती है, ताकि उन राज्यों में रोजगार, विकास, कारोबार का विकास हो सके.

स्पेशल स्टेटस पाने वाले राज्य के लिए एक्साइज ड्यूटी में भी महत्वपूर्ण छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया था ताकि वहां बड़ी संख्या में कंपनियां मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटीज़ स्थापित कर सकें.

स्पेशल स्टेटस सामाजिक और आर्थिक, भौगोलिक कठिनाइयों वाले राज्यों को विकास में मदद के लिए दिया जाता है. इसके लिए अलग-अलग मापदंड निर्धारित किए गए हैं.

Special state: क्‍या होता है फायदा

विशेष राज्य का दर्जा मिलने से उस राज्‍य को कई फायदे होते हैं. राज्य में चलने वाली केंद्रीय योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ जाती है. केंद्र सरकार से वित्तीय मदद मिलती है. राज्य के उद्योगों को टैक्स में रियायत मिलने लगती है, वहीं एक्साइज, कस्टम ड्यूटीज में बड़ी राहत मिलती है.

केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले फंड में 90 फीसदी अनुदान का होता है, जबकि सिर्फ 10 फीसदी कर्ज होता है, जिसपर राज्यों को ब्याज तक नहीं देना पड़ता है.

Special state: किन राज्यों को विशेष राज्‍य का दर्जा दिया गया है?

वर्तमान में भारत में 11 राज्यों को इस तरह की विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया है.

इनमें असम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना शामिल हैं. तेलंगाना राज्य के गठन के बाद राज्य को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए उसे यह दर्जा दिया गया था.

Special state: बिहार को क्‍यों चाहिए विशेष राज्‍य का दर्जा

साल 2000 में तत्कालीन बिहार राज्य को दो राज्यों बिहार और झारखंड में विभाजित किया गया था. प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध झारखंड के अलग होने की वजह से बिहार की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई.

नीतीश कुमार कई वर्षों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं.बिहार देश के सबसे ग़रीब राज्यों में से एक है.

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नीतीश कुमार ने मांग की है कि राज्य को विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए क्योंकि इस राज्य की बड़ी आबादी को स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे तक पहुंच नहीं है. लेकिन राज्यों को इस तरह का विशेष दर्जा देने से केंद्र सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ जाता है. केंद्र को योजनाओं में अधिक वित्तीय हिस्सेदारी लेने का प्रावधान करना होगा.

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