जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम झटका
New Delhi: बिहार में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वे पर पटना हाईकोर्ट की लगी रोक बरकरार रहेगी। नीतीश कुमार सरकार को अब इस मामले में सबसे बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की दायर याचिका पर फैसला देते हुए राज्य में जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट की तरफ से लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश पर स्थगनादेश से इनकार किया जिसमें बिहार सरकार द्वारा किए गए जाति सर्वेक्षण पर रोक लगाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट की तरफ से बिहार में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वे पर लगी रोक बरकरार रखने का फैसला लिया है। उच्चतम न्यायालय ने साफ कर दिया कि पटना उच्च न्यायालय की तरफ से दिया गया फैसला सही था और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। वहीं गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार पहले 03 जुलाई 2023 को पटना हाईकोर्ट की सुनवाई में हाजिर हों, वहां पर अपने तर्क को रखें। अगर पटना हाईकोर्ट से बिहार सरकार संतुष्ट नहीं होती तो 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट ने लगाई है जातीय गणना पर रोक
दरअसल, बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अखिलेश कुमार की याचिका पर सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में 4 मई को रोक लगा दिया है. पटना हाईकोर्ट ने एकत्र किए गए डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है.