स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी समाजवादी पार्टी, MLC पद से भी दिया इस्तीफा
UP: स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है. इसके साथ ही उन्होंने एमएलसी (MLC) पद से भी इस्तीफा दे दिया है.स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी से अब पूरी तरह अलग हो गए हैं.
सपा से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरा अखिलेश यादव और सपा से वैचारिक मतभेद रहा है. मैं स्वच्छ राजनीति में विश्वास करता हूं. अखिलेश यादव समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे मुलायम सिंह यादव के साथ भी काम करने का अनुभव है. वे कट्टर समाजवादी नेता थे. जो लोग उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं वे उनकी विचारधारा पर नहीं चल पा रहे हैं. अफसोस की बात है.
समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि सपा के कई नेताओं की बयानबाजी से वो दुखी थे. अखिलेश यादव को लेकर स्वामी प्रसाद ने कहा कि उन्होंने जो भी दिया है मैं उन्हें सब कुछ वापस कर दूंगा. क्योंकि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, मेरे लिए विचार मायने रखता है.
समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि सपा के कई नेताओं की बयानबाजी से वो दुखी थे. अखिलेश यादव को लेकर स्वामी प्रसाद ने कहा कि उन्होंने जो भी दिया है मैं उन्हें सब कुछ वापस कर दूंगा. क्योंकि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, मेरे लिए विचार मायने रखता है.
उन्होंने कहा कि मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों, किसानों का हित है. उस पर कुठाराघात होगा तो मैं पलटवार करूंगा. इसलिए अखिलेश जी की कही बात उनको मुबारक. बता दें कि महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य का बिना नाम लिए कहा था कि कुछ लोग लाभ लेकर सब चले जाते हैं. इस पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद ने कहा कि अखिलेश की देने की हैसियत नहीं है. मेरे खिलाफ समाजवादी पार्टी के कई मठाधीश काम करते रहे. मगर अखिलेश यादव ने उन्हें कभी नहीं रोका.
2022 में विधानसभा चुनाव से पहले सपा में हुए थे शामिल
स्वामी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ कर अचानक समाजवादी पार्टी में आ गए थे. स्वामी प्रसाद के साथ बीजेपी के 8 विधायक भी तब सपा में शामिल हुए थे. मगर स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर से पिछला विधानसभा चुनाव हार गए. बाद में अखिलेश यादव ने उन्हें एमएलसी बना दिया था.