TCS के संस्थापक एफसी कोहली का निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
मुंबई। भारत में 190 अरब डॉलर के सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का बीज बोने वाले दिग्गज प्रबंधक एवं नेतृत्वकर्ता फकीर चंद कोहली का बृहस्पतिवार को 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत उद्योग से जुड़ी कई हस्तियों ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ श्री एफ.सी. कोहली जी को सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में उनके नेतृत्वकारी योगदान के लिए याद किया जाएगा। वह प्रौद्योगिकी जगत में नवोन्मेष और उत्कृष्टता की संस्कृति को संस्थागत स्वरूप देने वालों में सबसे आगे रहे। उनके निधन का दुख है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।’’ कोहली देश की शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के संस्थापक मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे। मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई करने वाले कोहली को टाटा समूह में खुद जेआरडी टाटा लेकर आए थे।कोहली का जन्म 1924 में पेशावर में हुआ। बाद में उनकी पढ़ाई लाहौर में हुई। देश में उन्हें तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से नवाजा गया। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कोहली को भविष्यदृष्टा बताया जिन्होंने देश में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को खड़ा करने में नेतृत्व किया। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने उन्हें एक महान हस्ती करार दिया जिन्होंने देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति की नींव रखी। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग का ‘भीष्म पितामह’ कहा। विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने एक बयान में कहा कि कोहली भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के सच्चे पथ प्रवर्तक थे। हमने उनके पदचिह्नों का अनुसरण किया। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के संगठन नासकॉम ने कहा कि कोहली ने देश के लिए तकनीक के क्षेत्र में भविष्य देखा और टीसीएस का निर्माण किया। जनवरी में एक कार्यक्रम के दौरान इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने कोहली के पैर छूकर उनके प्रति सम्मान जताया था।द्योग संघ नासकाम ने कहा कि कोहली ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अवसर को पहचाना और टीसीएस जैसी कंपनी का निर्माण किया। हैप्पीएस्ट माइंड के कार्यकारी चेयरमैन अशोक सूता ने कहा कि कोहली के नेतृत्व में टीसीएस हमेशा अविजित बनी रही। उन्होंने ना सिर्फ इस मजबूत कंपनी को गढ़ा बल्कि ऐसे नेतृत्वकर्ताओं को भी तैयार किया जो उनके काम को आगे बढ़ा सकें। ब्रिटेन-भारत उद्यमी परिषद के ग्रुप सीईओ जयंत कृष्णा ने कहा कि‘कोहली को इस बात का मलाल रहा कि सरकार ने देश में विश्वस्तरीय सेमी-कंडक्टर उद्योग की स्थापना के बारे में उनके परामर्शों पर ध्यान नहीं दिया और यही कारण है कि भारत आईटी हार्डवेयर उद्योग का केंद्र नहीं बन सका। वह भारतीय भाषाओं में सॉफ्टवेयर का विकास चाहते थे ताकि डिजिटल प्रौद्योगिकी की पहुंच में विषमता न हो पर ऐसा न हो पाने का भी उन्हें मलाल रहा।