सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बिहार की जहरीली शराब का मामला
बिहार में सारण के मशरक के आधा दर्जन गांवों में जहरीली शराब की वजह से मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में एक याचिका लगाई गई है। याचिका में मामले की जांच एसआईटी(SIT) से करवाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि मामले की स्वतंत्र जांच की जाए।
इसके साथ ही याचिका में अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने की मांग की गई है। जनहित याचिका में पीड़ितों के परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।
क्या है मामला?
दरअसल, सारण के मशरक के आधा दर्जन गांवों में मंगलवार से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार सुबह तक यहां जान गंवाने वालों का आंकड़ा 60 तक पहुंच गया है। इस बीच खबर है कि सीवान में भगवानपुर प्रखंड के सोधनी और ब्रह्मा स्थान गांव में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई है।
नीतीश कुमार ने कही थी यह बात
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब(denatured alcohol) से मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा था कि जो पीएगा वो मरेगा। बिहार में शराब के सेवन पर रोक है। लोगों को समझाने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि जो गड़बड़ कर रहा, उसे पकड़िए। उसे अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करिए। हम तो बापू और बिहार की महिलाओं की इच्छा से शराबबंदी लागू किए हैं।
भाजपा ने मांगा इस्तीफा
वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Union Minister Ashwini Kumar Choubey) ने नीतीश पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आज बिहार में जहरीली शराब से मौतें हो रही हैं, ये चिंता का विषय है। हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Chief Minister Nitish Kumar) आपा खो कर जनता पर बरस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो पिएगा वो तो मरेगा ही। ऐसे लोगों पर FIR होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार बेअसरदार है। कोई पीछे से सरकार चला रहा है। नीतीश कुमार का अब साया समाप्त हो गया। नीतीश बाबू आप इस्तीफा दो। शराबबंदी(prohibition) के पीछे पूरा भ्रष्टाचार का बाजार गर्म है। आपके आसपास शराबियों की भरमार है।