जलाधिवास के बाद रामलला की पहली तस्वीर आई सामने
Ayodhya: भगवान राम के बाल विग्रह के स्वरूप की हम कल्पना करते थे.. आज वो साकार रूप ले रहा है। प्रभु श्री अपने स्थान पर विराज गए हैं। 72 घंटों बाद प्रभु राम अपने नेत्र खोलेंगे। भारत ही नही पूरे विश्व में राम के आगमन की खुशियां मनायी जा रही हैं। अयोध्या नगरी के मंदिर रास्ते सड़क गलियों को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है।
इस मूर्ति की नई तस्वीर सामने आई है. इसमें भगवान राम को 5 साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है. मूर्ति में भगवान राम का हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में दिख रहा है. उनके चेहरे पर कोमल मुस्कान है. उन्होंने अंगवस्त्र और धोती पहन रखी है.
भगवान राम की ये नई मूर्ति 51 इंच की है. इसे ‘श्यामल’ (काले) पत्थर से बनाया गया है. इसे मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है.भगवान राम को कमल पर खड़े पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है. मूर्ति का वजन करीब 150 किलोग्राम है और जमीन से मापने पर इसकी कुल ऊंचाई सात फीट है.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने भी कुछ दिन पहले ही नई मूर्ति की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि मूर्ति पत्थर की है. इसमें भगवान राम को 5 साल के बालक के रूप में दिखा गया है. उन्होंने बताया था कि मूर्ति में पांच साल के रामलला का मुस्कुराता चेहरा, आखें और शरीर है. मूर्ति में देवत्व है, वो भगवान का अवतार है, विष्णु का अवतार है और एक राजा का बेटा भी है.
51 इंच की क्यों बनाई गई मूर्ति?
चंपत राय ने बताया था कि मूर्ति की ऊंचाई तय करते वक्त ये विचार हुआ था कि हर साल रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब सूर्य देव चमकते हैं और क्योंकि भगवान का जन्म रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे होता है तो भगवान पर सूर्य की किरण आकर पड़े. चंपत राय ने बताया था कि देश के काफी काबिल वैज्ञानिकों की मदद से यह सुनिश्चित किया गया.