कूनो में दो दिन में तीन चीते शावकों की मौत, चौथे की हालत बनी हुई है गंभीर
कूनो नेशनल पार्क में महज दो दिनों में चीतों के तीन शावकों की मौत हो गई है. वहीं चौथे शावक की भी हालत गंभीर बनी हुई है. गुरुवार को कूनो नेशनल पार्क द्वारा जानकारी साझा की गई कि मादा चीता ज्वाला ने जिन चार शावकों को जन्म दिया उनमें से दो और शावकों की मौत हो गई है, वहीं एक की हालत गंभीर बनी हुई है. यहां बता दें कि 23 मई यानी मंगलवार को पहले शावक की मौत हुई थी. यानी इस तरह से ज्वाला द्वारा जन्मे चार में से तीन शावकों की दो दिन में मौत हो चुकी है.
मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक 23 मई की सुबह एक शावक की मौत हुई थी. उसके बाद ज्वाला और उसके बचे हुए तीन शावकों की लगातार मॉनीटरिंग की गई और ज्वाला को सप्लीमेंट फूड भी दिया गया. निगरानी के दौरान जैसे ही कड़ी धूप हुई तो तीनों शावकों की तबीयत बिगड़ने लगी. उनकी गंभीर हालात और जंगल की गर्मी देखते हुए वन्यकर्मी उन्हें उपचार के लिए ले गए. उपचार के दौरान तबीयत और बिगड़ने से दो अन्य शावकों की भी मौत हो गई. वहीं एक अन्य शावक की स्थिति अभी भी खराब बताई गई है.
मार्च में ही जन्मे थे चार शावक
मार्च महीने में ही मादा चीता ज्वाला ने इन चार शावकों को जन्म दिया था. लेकिन जन्म के तीन महीने भी पूरे नहीं हुए और तीन शावकों की मौत हो गई है. इससे कूनो के प्रशासन पर भी सवाल उठ रहा है. हालांकि प्रशासन का कहना है जिस दिन चीतों की तबीतय बिगड़ी यानी 23 मई का दिन इस मौसम का सबसे गर्म दिन था. प्रशासन ने बताया कि उस रोज तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के आस-पास था और लू चल रही थी.
कूनो में अब बचे 18 चीते
बता दें कि कूनो में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे. ज्वाला द्वारा चार शावकों को जन्म देने के बाद कूनो में चीतों की कुल संख्या 24 हो गई थी. हालांकि इन 24 में से तीन शावक और तीन वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है. ऐसे में कूनो में अब 18 चीते ही बचे हैं. इन तीन शावकों की मौत से पहले नामीबिया से लाई गई मादा चीता शाशा की मौत हो गई थी. उसके बाद साउथ अफ्रीका से लाए गए दो चीते भी मारे गए थे. इनमें से एक नर चीता उदय और दूसरी मादा चीता दक्षा थी.