Waqf Board law: क्या है वक्फ बोर्ड कानून? सरकार क्यों करना चाहती है बदलाव?

Waqf Board law: क्या है वक्फ बोर्ड कानून? सरकार क्यों करना चाहती है बदलाव?

Waqf Board law: वक्फ बोर्ड पर केंद्र सरकार ने लगाम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक़ सरकार ने वक्फ क़ानून में संशोधन के बिल को मंजूरी दे दी है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में वक्फ क़ानून में क़रीब चालीस संशोधनों को मंजूरी मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि अगले सप्ताह ये बिल संसद में लाया जा सकता है.

संशोधनों के अनुसार अब वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर दावा करेगा उसका सत्यापन करना अनिवार्य होगा. इसी तरह वक्फ की विवादित संपत्तियों का भी सत्यापन ज़रूरी हो जाएगा. बता दें कि साल 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्डों को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार प्रदान करते हुए उसकी ताकत बढ़ा दी थी. पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में कई बदलाव किए थे.

Waqf Board law: क्या है वक्फ बोर्ड? 

वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या लोकोपकारार्थ दिया गया धन. इसके दायरे में चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां आती हैं. कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पैसा, जमीन, मकान या कोई और कीमती चीज वक्फ को दान कर सकता है. इन संपत्तियों के रख-रखाव और उसे मैनेज करने के लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ बॉडीज होती हैं.

इस्लाम के जानकारों के मुताबिक वक्फ बोर्ड को जो संपत्ति दान में मिलती है, उसका मकसद गरीब और जरूरतमंदों की मदद, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था, मस्जिदों का निर्माण, मरम्मत या रख-रखाव और अन्य धर्मार्थ कार्यों में मदद है. वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं. अधिकतर के मुख्यालय दिल्ली में है. केंद्र सरकार का सेट्रल वक्फ काउंसिल  इन वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल कर काम करता है.

Waqf Board law: क्या है वक्फ एक्ट 1954

साल 1954 में जवाहर लाल नेहरू की सरकार के समय वक्फ एक्ट 1954 पास किया गया, जिसका मकसद वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना और तमाम प्रावधान करना था. इस एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे से लेकर रख-रखाव तक को लेकर प्रावधान हैं. इस एक्ट में दिये गए प्रावधानों के मुताबिक साल 1964 में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन हुआ. यह वक्फ बोर्डों के कामकाज के मामलों में एक तरीके से केंद्र सरकार को सलाह देती है.

साल 1995 में वक्फ एक्ट में बदलाव भी किया गया और हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई.

Waqf Board law: वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति?

वक्फ बोर्ड जमीन के मामले में रेलवे और कैथोलिक चर्च के बाद तीसरे नंबर पर है. आंकड़ों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है. साल 2009 में यह जमीन 4 लाख एकड़ हुआ करती थी, जो कुछ सालों में बढ़कर दोगुनी हो गई है. इन जमीनों में ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह हैं. पिछले साल अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं.

वक्फ बोर्ड  को ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम शासनकाल में मिलीं. दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ ही वक्फ को संपत्तियां मिलती रहीं. मुगलों के शासनकाल में भी वक्फ संस्थाओं को मस्जिद, मदरसा, कब्रगाह के लिए बेहिसाब जमीनें मिलीं. इसके अलावा 1947 में बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जाने वाले तमाम मुसलमानों ने भी अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर दी.

वक्फ बोर्ड देश में जहां भी कब्रिस्तान की चारदीवारी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को अपनी संपत्ति मानता है. इसी तरह अवैध मजार और मस्जिदों को धीरे-धीरे वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति घोषित कर रहा है.

Waqf Board law: वक्फ एक्ट जैसा कानून कैसे लागू हुआ

साल 1991 में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट बनाया गया जिसमें कहा गया है कि देश की आजादी के समय जो धार्मिक स्थल मौजूद थे, उन्हें वैसे ही बरकरार रखा जाएगा. वहीं, 1995 में वक्फ एक्ट लागू होता है, जो देशभर के वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति पर अपना हक जताने का अधिकार देता है और इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष देश की किसी भी अदालत में अपील भी नहीं कर सकता.

Waqf Board law: वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर क्यों विवाद?

इसके बाद से अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद होता रहता है. सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है. वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है और अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है. वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती.

किसी मुस्लिम देश में ऐसा एक्ट नहीं है. तुर्की, लीबिया, मिस्र, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और इराक जैसे मुस्लिम देशों में न तो वक्फ बोर्ड है और न ही वक्फ कानून.

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Waqf Board law: संशोधन बिल लाने की खबरों पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी

वहीं वक्फ बोर्ड बिल की खबरों पर भड़कते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी वक्फ बोर्ड के अधिकारों को छीनना चाहती है. बीजेपी हमेशा से वक्फ बोर्ड के खिलाफ रही है. उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति छीनने के लिए ये संशोधन हो रहा है. संशोधन का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता छीनना है.

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