West Bengal News: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का जख्म, कहीं नंदीग्राम की तरह नासूर ना बन जाए…….
बंगाल की राजधानी कोलकाता। उससे करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित संदेशखाली। संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है। ये बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है। इस इलाके में अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे ज्यादा रहते हैं।
पश्चिम बंगाल का छोटा सा क्षेत्र संदेशखाली पिछले कई दिनों से रणक्षेत्र बना हुआ है। आखिर क्या हुआ कि स्थिति इतनी भयावह हो गई, ऐसी कौन सी घटना है, जिसने यहां की महिलाओं को इतना उग्र बना दिया। आखिर क्या हुआ कि बंगाल के राज्यपाल तक को दौरा करना पड़ा। आखिर क्यों कलकत्ता हाईकोर्ट को मामले का संज्ञान लेना पड़ा। अब धीरे-धीरे दिल दहला देने वाली घटनाओं से पर्दा उठ रहा है।
संदेशखाली की महिलाओं ने वहां के तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उसके कुछ गुर्गों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया। सात फरवरी से महिलाएं सड़कों पर उतर आईं। महिलाएं विरोध में प्रदर्शन करने और धरने देने लगीं।आक्रोशित महिलाओं ने शाहजहां के करीबी विश्वासपात्र और तृणमूल नेता शिबू हाजरा के खेत और पॉल्ट्री फार्म में आग भी लगा दी। महिलाओं का आरोप है कि पॉल्ट्री फार्म गांव के लोगों की जमीन छीनकर उस पर अवैध तरीके से बनाया गया है। ये कई तरह के अवैध कार्यों का केंद्र था। उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में फिर हंगामा होने लगा।
देखते ही देखते महिलाएं सड़कों पर उतर आईं। संदेशखाली में शुरू हुए इस आंदोलन ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। प्रदर्शन के दौरान महिलाएं लाठी-डंडों और बांस के साथ सड़कों पर उतर आईं। महिलाएं तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉक प्रमुख शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तारी की मांग कर रही थीं। महिलाएं शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए फिर से सड़कों पर उतर आईं। आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लंबे समय तक अत्याचार किया। महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। रात को बहु-बेटियों को अपने ऑफिस में बुलाता था। लेकिन कोई इसका विरोध नहीं कर पाता था। जब ईडी ने ने छापेमारी की और वह फरार हो गया तो महिलाओं को हिम्मत मिली। पीड़ित और परेशान महिलाओं ने सड़क पर उतरकर मांग करनी शुरू कर दी कि उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए। हालांकि आज तक शेख शाहजहां को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
लगातार खराब होते हालात के बीच, राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित महिलाओं की बात सुनी। इस दौरान राज्यपाल ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी। राज्यपाल ने स्थानीय महिलाओं से कहा कि चिंता मत कीजिए, आपको न्याय जरूर मिलेगा। महिलाओं को कहते सुना गया कि वह अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं। वह और प्रताड़ना नहीं झेल सकतीं हैं। राज्यपाल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था।
सुकांत मजूमदार हुए घायल, कोलकाता लाए गए
संदेशखाली में हंगामा और तनाव जारी है। संदेशखाली हिंसा के विरोध में वहां पीड़ितों से मिलने जा रहे पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार बुधवार को घायल हो गए। पुलिस के साथ धक्मा-मुक्की में वे गाड़ी के बोनट से गिर गए और उनको कमर और अन्य जगह चोटें आईं। संदेशखाली मामले को लेकर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। आरोप है कि मामले को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। सुकांत मजूमदार को बशीरहाट मल्टी-फैसिलिटी हास्पिटल ले जाया गया और फिर बाद में उनको कोलकाता स्थित एक अस्पताल में लाया गया। इस दौरान उनको सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी।
छह सदस्यीय पैनल करेगा मामले की जांच
संदेशखाली मामले को लेकर भाजपा ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा और यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं के बारे में पता लगाने को लेकर एक पैनल का गठन किया है। इसमें केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के छह सदस्यों को शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को उच्च स्तरीय समिति के संयोजक के रूप में नामित किया गया है। पैनल के अन्य सदस्यों में प्रतिमा भौमिक, भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल शामिल हैं। उन्हें घटना स्थल का दौरा करने, स्थिति का जायजा लेने, पीड़ितों से बात करने और अपनी रिपोर्ट भाजपा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपने का निर्देश दिया गया है। पैनल के सदस्य गुरुवार शाम को कोलकाता पहुंचने लगे हैं।
कहां है संदेशखाली?
बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है। यह बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है। यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे अधिक रहते हैं। पिछले महीने जब तृणमूल कांग्रेस के नेता टीएमसी नेता शाहजहां शेखे के घर पर ईडी की टीम ने रेड की थी तो उन्होंने ईडी की टीम पर ही हमला कर दिया जिसके बाद यह इलाका खूब सुर्खियों में रहा था।
कौन है शाहजहां शेख?
42 साल का शाहजहां शेख उत्तर 24 परगना में ‘भाई’ के नाम से मशहूर है। मछली कारोबारी रहे शाहजहां शेख ने 2004 में ईंट भट्ठा यूनियन से अपनी राजनीति में शुरू की। सीपीआई(एम) ने उसे यूनियन लीडर बना दिया। इसके बाद उसने कई धंधों में हाथ आजमाया। उसके कारोबार ने जमीन की खरीद फरोख्त और सूद पर पैसे देने से तरक्की की।
2011 में उसने सीपीएम छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया। कुछ ही समय में वह टीएमसी के दिग्गज नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी बन गया। इसके बाद सत्ता के गलियारे और प्रशासन में उसकी धमक बढ़ गई। आरोप है कि 2018 में ग्राम पंचायत के उप प्रमुख बनने के बाद उसने जमीन हड़पने का अभियान शुरू कर दिया। महिला आयोग के अनुसार, उसके इशारे पर महिलाओं का शारीरिक उत्पीड़न किया गया।
बीजेपी विधानसभा से लेकर संदेशखाली और राज्य के दूसरे हिस्सों में इस मुद्दे पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांग रही है तो वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने संदेशखाली में हिंसा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि सरस्वती पूजा के दौरान अन्य योजनाएं भी थीं। ममता बनर्जी ने विधानसभा में संदेशखाली के मुद्दे पर अपनी बात रखी। विपक्ष के हंगामें के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया है और न ही कभी होने दूंगी।
कभी अन्याय का समर्थन नहीं किया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि संदेशखाली में राज्य महिला आयोग को भेजा गया है। पुलिस दल बनाकर 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि हम संदेशखाली में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, गलत काम में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। बनर्जी ने कहा कि आरएसएस का वहां आधार है। 7-8 साल पहले वहां दंगे हुए थे। यह संवेदनशील दंगा स्थलों में से एक है। हमने सरस्वती पूजा के दौरान स्थिति को मजबूती से संभाला, अन्यथा अन्य योजनाएं भी थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी महिला टीम वहां मौजूद है। एक महिला पुलिस टीम लोगों की शिकायतें सुनने के लिए उनके दरवाजे पर जा रही है।