क्या है प्राण-प्रतिष्ठा के पहले का वो यम-नियम, जिसका पीएम माेदी कर रहे हैं पालन
New Delhi: 22 जनवरी को प्रभु राम की प्राण-प्रतिष्ठा पूरे शास्त्रीय विधि-विधान से होगी। जिसके बाबत 7 दिनों का विशेष अनुष्ठान 16 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है। आज भगवान राम का बाल विग्रह गर्भगृह में स्थापित हो चुका है। प्राण-प्रतिष्ठा की विधि प्रधानमंत्री मोदी के हाथों से संपन्न होगी। जिसके लिए मोदी जी कठिन तपश्चर्या का पालन कर रहे हैं।शास्त्रों में ऐसा नियम है कि, मूर्ति स्थापना के मुख्य यजमान को कुछ कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसे ‘यम नियम’ (Yam Niyam) कहते हैं।
यम नियम क्या होता है
शास्त्रों के अनुसार मूर्ति स्थापना या मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को पवित्र प्रक्रिया माना जाता है। इसलिए इसके कठोर नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का संबंध शास्त्रों से होता है। अष्टांग योग के आठ भाग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, भजन और समाधि) में यम नियम सबसे पहला नियम है।
कुछ लोग यम नियम को बोद्ध धर्म के पांच सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह) भी मानते हैं। यम नियम में प्रतिदिन स्नान, अन्न त्याग, बिस्तर पर सोने का त्याग आदि जैसे कठोर नियम होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्रत-संकल्प के साथ इस धार्मिक और शास्त्रीय प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।