पीएम मोदी ने विशेष अनुष्ठान की शुरूआत पंचवटी से क्यों की, क्या है कालाराम मंदिर की विशेषता
New Delhi: पीएम मोदी ने अयोध्या में रामजी की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान नासिक के पंचवटी से शुरू किया। यह स्थान भगवान श्री राम से संबधित है। बता दें कि जब भगवान श्रीराम मां सीता और लक्ष्मण जी के साथ 14 वर्ष के वनवास में थे तब उन्होंने कुछ समय पंचवटी में बिताया था। यहीं पर लक्ष्मण जी रावण की बहन सूपर्णखा के नाक-कान काटे थे, जिससे इस जगह का नाम नासिक पड़ गया जिसका अर्थ होता है जिसकी नाक न हो।और यहीं से रावण ने मां सीता का हरण किया था।
कालाराम मंदिर की क्या है मान्यता? जहां जाकर पीएम मोदी ने सफाई की
पीएम मोदी नासिक के जिस कालाराम मंदिर परिसर में जाकर साफ-सफाई की और कीर्तन किया उसका भी संबंध प्रभु श्री राम से है।
- कालाराम मंदिर का विशेष महत्व इस जगह भगवान राम के वनवास के समय में रुकने से है। यहां श्री राम के साथ मां जानकी और उनके भाई लक्ष्मण जी भी रुके थे।
- नासिक के कालाराम मंदिर में भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण जी की काले रंग की शिला से बनी प्रतिमा है। जिस कारण इस मंदिर का नाम कालाराम पड़ गया।
- इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि एक बार सरदार रंगारू ओढेकर नाम के एक व्यक्ति को सपने में भगवान राम ने दर्शन दिए और उसने देखा की भगवान राम की मूर्ति गोदावरी नदी के तट में तैर रही है। जब वह सुबह उठ कर नदी के तट के पास गया तो उसने सच में भगवान राम के काले रंग की मूर्ति को देखा और इसे लाकर इस मंदिर में स्थापित कर दिया।
- बताया जाता है कि कालाराम मंदिर 2000 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का जीर्णोधार सन 1782 में कराया गया था। इस मंदिर के निर्माण में 12 साल लगे थे।
- यह मंदिर वहीं स्थित है जहां भगवान राम ने 14 वर्षों के वनवास के दौरान समय बिताया था। उन्होंने लगभग ढाई वर्ष यहीं बिताए थे।