‘मराठाओं को आरक्षण देने के लिए सब करेंगे’, जालना में तनाव के बाद बोले सीएम शिंदे
Mumbai: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. फडणवीस ने कहा कि हमने जालना में अनशन कर रहे मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों की मांगों पर चर्चा की है. जालना में जो घटना हुई वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी. कोई भी इस तरह की हिंसात्मक कार्रवाई का समर्थन नहीं कर सकता. हमने पहले कभी बल प्रयोग नहीं किया था, न ही अब करने का इरादा है.
फडणवीस ने कहा कि सीएम शिंदे ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना का राजनीतिकरण किया गया. एक नैरेटिव सेट किया गया कि लाठीचार्ज का आदेश गृह मंत्री विभाग और मंत्रालय से दिया गया था. विरोधियों को भी पता है कि ऐसे आदेश एसपी और डिप्टी एसपी के एसपी के स्तर पर दिए जाते हैं.
इसके अलावा सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैंने प्रदर्शनकारी मनोज जारांगे पाटिल से बात की थी. साथ ही हमारे प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की और बात की . हमारे मराठा प्रदर्शनकारियों को इससे सावधान रहना चाहिए जो इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं. हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि वह लंबे समय से उपवास कर रहे हैं. हम इस बात से आहत हैं कि जालना में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी.
सीएम ने कहा कि जो लोग विपक्ष में हैं वे अब बयान दे रहे हैं लेकिन जब वे सत्ता में थे तो उन्हें निर्णय लेने से किसने रोका था. हम मराठा आरक्षण और अदालत को समझाने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि और दस्तावेजीकरण प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम आश्वासन देते हैं कि मराठा आरक्षण प्रदान करने के लिए जो भी करना होगा हम करेंगे. मैं मराठा समुदाय से हमारे साथ धैर्य रखने की अपील करता हूं.
हमने डिप्टी एसपी को जिले से बाहर भेज दिया है और डिप्टी कलेक्टर को निलंबित कर दिया है. साथ ही हमने डीजीपी स्तर से जांच भी बैठा दी है. जांच रिपोर्ट हमें सौंपी जाएगी जिस पर कार्रवाई की जाएगी. अतिरिक्त राजस्व अधिकारी मराठवाड़ा में मराठों के लिए आरक्षण के लिए कुनबी प्रमाण पत्र पर काम कर रहे हैं. जल्द ही इस मांग पर भी रिपोर्ट सौंपी जाएगी. हम मराठा समुदाय के कुनबी वर्ग के आधार पर आरक्षण प्रदान करने की उनकी मांग पर विचार करेंगे.
जालना में आरक्षण को लेकर तनाव
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के जालना में इन दिनों मराठा आरक्षण को लेकर तनाव है. बीते दिनों शुक्रवार को मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच में भीषण झड़प भी हो गई थी. इस झड़प में 40 पुलिसकर्मी और कुछ आंदोलनकारी जख्मी हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने यहां 360 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. 16 की पहचान भी हो चुकी है.
मनोज जारांगे के नेतृत्व में हो रहा प्रदर्शन
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल को भी बातचीत के लिए बुलाया था. मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक, परेशानी तब शुरू हुई, जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को ऐसा करने से रोका. इसके बाद स्थिति बिगड़ गई और हिंसा शुरू हो गई. हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए और 15 से अधिक सरकारी बसें फूंक दी गई थीं. हिंसा के सिलसिले में करीब 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.