कलश स्थापना के बाद इन मंत्रों से करें मां शैलपुत्री की पूजा
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए आप शुद्ध देसी घी के हलवे का भोग लगाए. ऐसा करने से आपको निरोगी काया का वरदान भी मां से प्राप्त होता है, तो इस नवरात्रि जरूर लगाए मां को शुद्ध देसी घी के हलवे का भोग.नवरात्रि के पहले दिन से लेकर के आख़िरी दिन तक हर रोज घर में कपूर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता का नाश और घर से अंत भी होता है. इस खास उपाय की मदद से आप भी अपने घर से नकारात्मकता का अंत कर सकते है.
चैत्र नवरात्रि में रोजाना मां दुर्गा की पूजा के बाद ‘ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे’ का 108 बार जाप करें. कहते हैं इससे उच्चारण मात्र से मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और मां काली का आशीर्वाद मिलता है और ग्रहों की पीड़ा से राहत मिलती है.
नवरात्रि की 9 रातें साधना, ध्यान, व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, तंत्र, त्राटक, योग आदि के लिए महत्वपूर्ण होती है. ‘रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है. रात्रि में कई तरह के अवरोध खत्म हो जाते हैं. इस समय शांत मन से की गई माता रानी की पूजा शीघ्र फल प्रदान करती है. मान्यता है इस दौरान मंत्र जाप करने से शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है.
नवरात्रि में प्रतिदिन पहले कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करें. फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. मान्यता है इससे दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल प्राप्त हो जाता है. ये पाठ जो सिद्ध कर लेता है उसे कभी धन-धान्य, सुखी की कमी नहीं रहती.